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*गुंडरदेही में व्यापारियों एवं आमजनो के साथ हुई मारपीट निंदनीय- पुलिस प्रशासन का मुकदर्शक बने रहना दुर्भाग्यपूर्ण–अभिषेक शुक्ला*-

 

बालोद- जिले के गुंडरदेही बंद के नाम हुए गुंडागर्दी और व्यापारियों से मारपीट मामले में चौतरफा निंदा होने लगा है राजनीतिक दलों के अलग अलग नेताओ द्वारा घटना को लेकर अपना बयान जारी कर रहे है इस बीच  जिला पंचायत बालोद के पूर्व सभापति अभिषेक शुक्ला ने गुंडरदेही की घटना की निंदा करते हुए कहा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही कर त्वरित गिरफ्तारी की मांग की  गुंडरदेही में बंद के दौरान घटित घटना की जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है। गुंडरदेही के व्यापारियों व आम लोगों को दौड़ादौड़ा कर दुकान मे घुसकर उनके साथ मारपीट करना निंदनीय एवं शर्मनाक है। व्यापारी विभिन्न संगठनों के आह्वान पर अपनी प्रतिष्ठान बंद रख कर उनका सहयोग करता है उसके बदले व्यापारियों के साथ मारपीट करना गलत है l बालोद जिला में सामाजिक सौहाद्र बिगड़ते जा रहा है जो भविष्य में चिंता का विषय है इसे समय रहते इस तरह के उपद्रवी लोगो पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए l

*लचर होती प्रशासनिक व्यवस्था*

अभिषेक शुक्ला ने कहा सोचनीय बात है की बंद के आह्वान पर जिले की प्रशासनिक व्यवस्था क्या यही थी चौक चौराहे पर प्रशासनिक अधिकारी,पुलिस अधिकारी व कर्मचारी जिनकी ड्यूटी लगाई गई थी सिर्फ मूकदर्शक बनकर खड़े रहे उनके आंख के सामने इस तरह की घटना होने के बाद भी उनकी चुप्पी बड़े संदेह की ओर इशारा करता है l प्रशासन को लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने के बजाय गुंडागर्दी करने वालों को प्रश्रय देना क्या मजबूरी थी समझ से परे है या ये भी समझने का विषय है कि किनके आदेश पर सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारी अपने हाथ में हाथ बांधे खड़े हुए थे l बालोद जिला में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसा लगता है कि इस तरह उपद्रव करने वाले लोगों में पुलिस का डरभाव खतम हो गया है l

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