बालोद-शासन एक तरफ जहां लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति को प्रतिबद्ध होने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में करोड़ों की लागत से पानी टंकी का निर्माण करा रही है, ताकि लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन हालात इससे अलग हैं। जिले के गुंडरदेही ब्लाक के ग्राम पंचायत देवरी (ख) में पाईंप लाइन विस्तार हुए साल बीत रहे हैं, लेकिन अभी तक पानी टँकी निर्माण का कोई अता पता नही है। गांव मे नलजल योजना के तहत केवल बिछी पाइप लाइन ही बिछाया गया हैं।, जिसके चलते लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। यदि गांव में जल्द पाइप लाइन बिछ जाती है तो ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात मिल जाती। लेकिन विभाग के ठेकेदार की लापरवाही के चलते पानी टँकी का निर्माण अब तक प्रारभ नही हो पाया हैं।
ग्रामीणों ने पानी टँकी निर्माण करने की मांग को लेकर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
जलजीवन मिशन के तहत पानी टँकी निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हुए हुए एक से अधिक हो वर्ष हो गया है और उक्त कार्य के लिए बकायदा टेंडर भी हो चुका हैं।लेकिन अब तक निर्माण कार्य प्रारभ नही होने से ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा हैं। देवरी (ख)नके ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्टर के जन चौपाल में पहुचकर जलजीवन मिशन के तहत पानी टँकी निर्माण करने की गुहार कलेक्टर से लगाई हैं।
ठेकेदार ने पाईंप लाइन विस्तार कर छोड़ा कार्य,पानी टँकी निर्माण कार्य अब तक नहीं हुआ प्रारभ
ग्राम पंचायत देवरी ख के सरपँच खिलेंद्र साहू ने बताया कि गांव में जलजीवन मिशन के तहत शासन से लगभग 73 लाख रुपये का स्वीकृति हुआ हैं।एक वर्ष पहले गांव में राजनांदगांव का ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन विस्तार किया गया हैं। पानी टँकी निर्माण के लिए ठेकेदार को कहा जाता हैं लेकिन ठेजेदार टँकी निर्माण करने की बाते कहकर एक वर्ष से अधिक समय हो गया हैं परंतु आज तक पानी टँकी का निर्माण कार्य प्रारभ नही किया गया हैं। सरपँच ने बताया कि ग्राम देवरी ख में पेयजल की अधिक समस्या है जिससे कारण गर्मी के दिनों में ग्रामवासियों को पेयजल की बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। पानी की किल्लत को देखते हुए गांव के पुरुष प्लाटिक के डिब्बे में पानी भरकर सायकल के सहारे पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
एक बोर के भरोसे प्यास बुझा रहे ग्रामीण
गर्मी बढ़ने के साथ ही भूजलस्तर गिरने लगा है। भूजल स्तर कम होने के कारण गांव के बोर और हैंडपंप सूखने लगे हैं। जिसके बाद ग्रामीणों को पेयजल और निस्तारी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां 9 हैंडपंप और एक बोर हैं। सभी हैंडपंप चालू हालात में लेकिन भूजल स्तर कम होने के वजह से हैंडपंप में दो से तीन धड़े में पानी भर पाते हैं ग्रामीण। गांव में एक बोर जिसके सहारे जैसे तैसे ग्रामीण अपनी प्यास बुझा रहे है।
नलो की धार हो गई पतली, गांव में पीने के पानी का संकट
तेज गर्मी का असर गांव के बोरवेल और हैंडपंप में भी दिखाई दे रहा है। नलों की धार पतली हो चुकी है। पर्याप्त के लिए लोग तरस रहे हैं। ग्रामीणों से चर्चा की। जिसमें उन्होंने खुलकर अपनी परेशानी को बयां किया। उनकी ओर से कहा गया पेयजल समस्या निदान के लिए ठोस प्लानिंग की आवश्यकता है। गर्मी में जलसंकट से निपटने की चुनौती होगी। इस बार की स्थिति अन्य वर्षों की अपेक्षा गंभीर है। ज्ञापन सौपने के दौरान उपसरपंच अंशु बाई गायकवाड़,पंच रमला बाई,सविता बाई,अमरीका बाई,टोमिन बाई,जगन निषाद,भागवत निषाद सहित आदि ग्रामीण शामिल रहे।