बालोद-जिला मुख्यालय के बूढ़ातलाब रोड स्थित किन्नर गॉर्डन स्कूल के समीप 21 जून को जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ हेमंत ठाकुर के वाहन से गौधन की दुर्घटना मामले में पुलिस ने अब मामला दर्ज कर लिया है पूरे मामले में लिखित शिकायत अनुसार वाहन चालक द्वारा शराब के नशे में धृत होकर लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाते हुए सड़क में बैठी गाय को कुचल देने से गाय धायल हो गई और कुछ दिनों के बाद मौत हो गई थी। मामले में युवक काग्रेस के शहर अध्यक्ष साजन पटेल व भाजयुमो की लिखित शिकायत पर 9 माह बाद बुधवार को बालोद पुलिस ने हेमंत ठाकुर के खिलाफ धारा 429 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।भारतीय जनता युवा मोर्चा एवं साजन पटेल युवा क्रांग्रेस शहर अध्यक्ष की शिकायत पर जांच किया गया । जांच पर आरोपी वाहन क्रमांक / CG 07 BR 7811 का चालक हेमंत ठाकुर अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत बालोद के द्वारा अपने वाहन चलाने के कारण सडक में बैठे पशु को दुर्घटना करने से चोंट आने के कारण मृत्यु होना पाया गया है । जिस संबंध में घायल/मृत बछिया का शव परीक्षण कराया गया है । जिसमे घटना आरोपी पर धारा 429 भादवि. का अपराध होना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।भारतीय जनता युवा मोर्चा ग्रामीण मण्डल बालोद पार्थ साहू 23 जून को एसपी के नाम थाने लिखित शिकायत कर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शराब के नशे में वाहन पशुधन को घायल हेतु कार्यवाही करने की मांग किया था ।
अतरिक्त सीईओ ने सड़क में बैठी गया को बेलोरो से बेदर्दी से कुचल था
एसपी के नाम थाने में सौपे आवेदन में बताया गया था कि बालोद शहर के हदय स्थल यानी राजनांदगांव मार्ग पर किंडन गार्डन स्कूल की है, अधिकारियों ने सरकारी गाडी से गाय की बछिया को बेदर्दी से कुचला गया था । गाडी क्र. CG 07 BR 7811 में 21 जून की रात 11 बजे को जिला पंचायत बालोद के अतिरिक्त सीईओ हेमंत ठाकुर ड्राइवरी कर रहे थे साथ में मनरेगा के अधिकारी ओपी साहू और द्वारका प्रसाद भुआर्य ईई आरईएस तीनों वाहन में सवार थे । बछिया को बेदर्दी से घसीटते हुए मुख्य मार्ग से अंदर गली तक चार पहिया के नीचे रौंदा गया है । गाडी के नीचे बछिया फंसी हुई थी, जिसे निकालने के लिए नशे में धुत अधिकारी प्रयास कर रहे थे, इसी दौरान आस-पास के लोग उठ गये । इसके बाद अधिकारी बचने के लिए भागते हुए नजर आये । प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी यह घटना अशोभनीय है । भारतीय जनता युवा मोर्चा मांग करती है लापरवाह अधिकारियों पर भारतीय दंड सहिंता के तहत पशु क्रुरता अधिनियम कार्यवाही करते गिरफ्तार करने की मांग किया गया था।