बालोद- बालोद जिले में खनिज माफियाओं और विभागीय सांठगांठ कोई नई बात नही है ऐसे मामलों को लेकर खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर लगातार उंगली उठती भी रही वही अब अवैध रेत भंडारण व परिवहन को लेकर जब खुद प्रदेश के मुखिया सख्त नजर आ रहे है तो दुसरीं तरफ बालोद जिला मुख्यालय में ही भंडारण की आड़ में रेत का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। जिला मुख्यालय के सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम सहित जिले के अलग अलग इलाको में खाली पड़ी शासकीय व निजी जमीन पर रेत माफिया द्वारा रेतों का भंडारण कर अनाप-शनाप कीमतों में बेच रहे हैं। जिला मुख्यालय के कई स्थानों पर रेत का अवैध रूप से भंडारण किया गया है। डंप रेत को मनमानी दाम पर बेच रहे हैं। खनिज विभाग के अफसर कार्रवाई करने बजाए हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। जिसका फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं। भंडारण स्थल में कहा से कितनी मात्रा में रेत लाई जा रही है उसकी मानिटरिंग नहीं हो रही है। नगर पालिका द्वारा भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। कार्रवाई नहीं होने के कारण रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं।
स्टेडियम के पीछे भी अवैध रेत का भंडारण
जिला मुख्यालय के सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम के पीछे खाली पड़ी शासकीय जमीन पर रेत माफिया ने अवैध रूप से रेत को डंप कर रखा है। रेत डंप कर कालाबाजारी इस कदर की जा रही है कि जरूरतमंद लोगों को महंगी दरों पर रेत की खरीदी करनी पड़ रही है। सामान्य समय में दो से ढाई हजार प्रति टैक्टर ट्राली बिकने वाली रेत अभी वर्तमान में 5 से 6 हजार रुपये प्रति टेक्टर तक के बिक रही है। वही रेत 20 से 25 हजार रुपये हाइवा बिक रही है।
माफिया उठा रहे फायदा
बता दे कि जिले में 5 मई 2020 को रेत खदानों का लीज समाप्त हो गया है। रेत खदानों का लीज समाप्त होने के बाद भी रेत माफिया इन दिनों खदानों से बेधड़क रेत निकालकर भंडारण कर मंहगे दामों में बेचकर मालामाल हो रहे है। रेत का अवैध रूप से भंडारण करके वे अब महंगे दामों पर बेच रहे हैं। इन रेत माफियाओं का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जाता है कि महंगी कीमत होने के कारण कई शासकीय कार्यों और निजी निर्माण कार्यो में भी रेत की सप्लाई प्रभावित हो रही है। ठेकेदार मजबूरी में मंहगे दामों में रेत खरीदकर निर्माण कार्य कर रहे है।
5 हजार रुपये में बेचीं जा रही हैं प्रति टेक्टर रेत
ज्ञात हो किसी भी स्थान से अगर रेत का उत्खनन किया जाता है तो नियमानुसार रायल्टी पर्ची होने की अनिवार्यता है। लेकिन रेत माफिया बिना रायल्टी पर्ची के रेत चोरी कर रहे हैं। बताया जा रहा है जब लोगों को रेत की जरूरत होती है तो भंडारन कर रखे रेत को 5 हजार रूपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से बेचीं जा रही हैं । लोगों को मजबूरन में अधिक पैसे देकर रेत खरीदना पड़ रहा हैं।जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलो में पीएम आवास के तहत धर बनाई जा रही हैं।वही लोग अपने निजी पैसा लगाकर अनाप सनाप दामो में मजबूरी से रेत खरीदकर पीएम आवास बना रहे हैं।
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
खनिज विभाग की टीम द्वारा सडकों पर परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है, लेकिन डंप वालों जगहों पर झांकने फूर्सत नहीं है। बताया जा रहा है कि रेत डंप करने वाले बड़े व्यापारी है और इन लोगों पर कार्रवाई करने खनिज विभाग हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। खनिज विभाग की टीम कार्रवाई का दिखावा करने छोटे सप्लायरों के वाहनो को पकड़ कर कार्रवाई कर अपना टारगेट पूरा करने में जुटी है। जबकि बड़े सप्लायरों डंप के रेत से लाखों की अवैध कमाई कर रहे हैं।
खनिज अधिकारी का कहना आप लोड करते हुए गाड़ी की जानकारी देना तो करेंगे कार्यवाही