बालोद-पूरे प्रदेश के कई जिलों में मध्यान्ह भोजन स्वसहायता समूह को पिछले5 का सूखा राशन की राशि नही मिलने से कई जगहों पर आंदोलन की स्थिति निर्मित हुई है वही बात की जाए बालोद जिले क़ि तो जिले में जहां विगत 5 माह से राशि लंबित होने के बावजूद सिर्फ पिछले 15 दिनों में महिला समूहो द्वारा 5 बार आंदोलन कर चुके है जबकि कई बार इनके ही बीच आपसी सामंजस्य की कमी देखी गई जिसके चलते 3 दिन पूर्व जिला शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर जब अचानक बिना सूचना कुछ महिलाएं चक्काजाम करने बैठ गई वही कुछ महिलाओं द्वारा इनसे दूरी बनाते देखी गई जिसके बाद यह कयास लगाया जा रहा है इस आंदोलन के पीछे कोई साजिश तो नही …..?
दरअसल पिछले माह तकरीबन 24 नवम्बर को बालोद जिले के डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा को प्रभारी शिक्षा अधिकारी बनाया गया जिसके बाद से ही इनके विरोध में कुछ शिक्षक संघ द्वारा डीइओ पद से हटाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया और इस बीच जब प्रभार नही बदला तो इस घटना के महज कुछ दिनों बाद फिर स्वसहायता समूह का बकाया राशि का मामला गरमाने लगा और इस मामले में 15 दिनों के अंदर आंगनबाड़ी केन्द्र व प्रायमरी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बना रही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने 5 माह का मध्यान भोजन की राशि देने की मांग को लेकर मंगलवार को पांचवी बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय पहुचकर धरना प्रदर्शन किया किया गया।
मामले में विभागीय सूत्रों से ही मिली जानकारी के अनुसार प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रश्मि वर्मा को बदनाम करने के उद्देश्य शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ लोगो के द्वारा मध्यान भोजन के संचालकों को आंदोलन करने के लिए उकसाये जाने की चर्चा भी जोरो पर रहा हालांकि इस पूरे मामले की सत्यता की पुष्टि प्रदेशरूचि नही करती लेकिन जिस तरह से महज 15 दिनों के भीतर 4 – 5 बार महिलाएं आंदोलित हुई निश्चित यह भी जांच का विषय है क्योंकि इससे पहले भी जिले में कई संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया है लेकिन सभी आंदोलन नीतिगत तरीके और पूर्व सूचना के आधार पर आंदोलन किया गया है
सोमवार को बैठक के बाद सहमति के बाद आंदोलन क्यो..?
आपको बतादे मध्यान भोजन ने संचालको ने मंगलवार को दल्ली तिराहे में चक्काजाम किया गया। जबकि स्व सहायता की महिलाओं ने सोमवार को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रश्मि वर्मा से मुलाकात किए थे। जिस पर रश्मि वर्मा ने महिलाओं से जल्द जल्द से खाते में राशि आ जाने का आश्वासन दिया था जिसके बाद महिलाओं ने आगे धरना प्रदर्शन नही करने की बाते कही गई थी।लेकिन अगले दिन सुबह अचानक जब प्रशासन तक आंदोलन की खबर पहुंची तो प्रशासन भी इसके पीछे की वस्तुस्थिति समझने का प्रयास किया इस दौरान जो तथ्य सामने आया वो चौकाने वाला था पूरे मामले गैर शासकीय कर्मचारी जो पूर्व अधिकारी के नजदीकी भी माने जाते है जिनके द्वारा महिलाओं को आंदोलन करने के लिए उकसाया गया और महिलाओं ने मंगलवार को बालोद के दल्ली तिराहे पहुचकर आंदोलन किया गया।
2 दिन पहले 38 दिनों का सूखा राशन का 1 करोड़ 90 लाख का आ चुका राशि
आपको बतादे महिला समूहो के सूखा रासन की राशि जून माह से रुका हुआ था जिसके बाद 6 सितंबर को शासन से राशि वापस मांग पत्र जारी हुआ तब तक पूर्व अधिकारी द्वारा महिला समूहो के खाते में राशि जारी नही किया गया लेकिन अचानक शासन से राशि वापस मंगवाने के बाद करीब 11 सितंबर को जिले भर के मध्याह्न भोजन की करीब 3 करोड़ 79 लाख की राशि वापस भेजनी पड़ी जिसके बाद संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा द्वारा शिक्षा मंत्री से चर्चा किये जाने के बाद एक सप्ताह में राशि भेजने की बात विभागीय मंत्री द्वारा कहा गया जिसके बाद इस दो दिन पूर्व 1 करोड़ 90 लाख की राधि जो कि जून जुलाई माह के करीब 38 दिनों के सूखा रासन की राशि जिले के मध्यान्ह भोजन संचालकों के खातों में आबंटित की जा चुकी है वही अगस्त माह से अक्टूबर माह तक का राशि अब भी आना शेष है जिसको लेकर स्थानीय व जिला प्रशासन द्वारा भी जल्द राशि जारी करवाने शासन स्तर तक पत्राचार किया जा चुका है
विभाग से जुड़े कुछ लोगो को रश्मि वर्मा को डीईओ बनाना नही आ रहा है रास
बता दे कि कलेक्टर रश्मि वर्मा को प्रभारी डीईओ बनाया जाना शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों को रास नहीं आ रहा है। एक प्रशासनिक अधिकारी को शिक्षा विभाग के प्रमुख के पद पर बैठाए जाने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पूर्व में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित किया गया है। पूर्व में शिक्षा विभाग द्वारा लाखों की खरीदी शासन के तय मानकों को दरकिनार कर किए जाने का आरोप है। वहीं, कुछ अन्य वित्तीय मामले भी हैं, जिन्हें लेकर भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त की जा रही है। एक प्रशासनिक अधिकारी का इस प्रकार डीईओ के पद पर बैठ जाने से शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जांच व कार्रवाई से पहले हटाने की साजिश की जा रह है।मध्यान्ह भोजन संचालकों द्वारा भुगतान के लिए आंदोलन करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। संचालकों को हड़ताल के लिए उकसाने एवं माहौल खराब करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का नाम सामने आ रहा है, वे चिन्हांकित भी हो चुके हैं और अब उन पर कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी बालोद की तलवार लटकने वाली है।