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दीवाली में फिर एक बार चाइनीज सामानों से सजी दुकानें… स्थानीय उत्पादों की बिक्री घटी

बालोद- दीपावली को लेकर शहर की बाजारों में चाइनीज लाइटों से दुकानें पटी हुई है। विरोध के बाद भी चाइनीज रंग-बिरंगी एलइडी लाइट से दुकानें जगमगा रही है। दिवाली में चाइनीज लाइट की रोशनी में ही घर-आंगन झिलमिलाएंगे। त्योहार को लेकर बाजार में तरह-तरह के झालर सजे हैं। राकेट एलइडी, मल्टी एलइडी, मिर्ची एलइडी, स्ट्रीप लाइट, डीजे बल्ब डबल राकेट, क्रिसमस ट्री, बाल, जेल नेक्स्ट,गोल्डेन इगल, स्वास्तिक आदि लाइट दिवाली की रात को रौशन करेगी। नए के साथ पुराने जेल, एलईडी और चटाई वाली रंग-बिरंगी बत्तियों की भी मांग बरकरार है।

बालोद के बाजार में पटी पड़ी चाइनीज रंगीन लाइटें

इस वक्त शहर के सदर बाजार, बुधवारी बाजार थोक दुकाने और खुदरा दुकानें चाइनीज रंगीन बल्बों से पट गयी है। कोरोना के एक साल के ब्रेक के बाद एक बार भी शहर के सैकड़ो छोटी-बड़ी दुकानों में चाइनीज एलइडी बत्तियां सजी हैं। गणेश, मटका, ओम, स्वास्तिक, स्टार,फूल-माला, दिल ,दीए, कैंडिल, ओलंपिक मैडल, मछली सहित साधारण किस्म की लाइटें उपलब्ध हैं। दिवाली 3 दिन ही शेष है। धीरे-धीरे त्योहार का मार्केट का रंग चढ़ा रहा है। फिलहाल ग्रामीण इलाके के दुकानदार मंडी से झालर सहित अन्य लाइट की खरीदार कर रहे हैं।

चायनीज लाइट सस्ता होने के कारण ज्यादा बिक्री

बाजार चौक स्थित इलेक्ट्रानिक्स दुकान संचालक ने कहा कि बाजार में मुख्य रूप से चाइनीज लाइट ही है। तरह-तरह की लाइट चीन से मुंबई। मुंबई से दिल्ली। दिल्ली से मंडी में आती है। सस्ता होने के कारण डिमांड भी इसी की ही है। कोरोना काल के बाद बाजार मंदा है। इस बार तो कीमत भी नहीं बढ़ी है। लेकिन, पिछले साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी डिमांड कम है। ग्रामीण इलाकों की दुकानदार माल कम खरीद रहे हैं। बहुत लोगों के पास तो पिछले साल का भी बचा हुआ है। अभी तक बाजार उठा नहीं है। एकदम ठंडा है। गांवो से छोटे छोटे दुकानदार कम आ रहे हैं। अब धनतेरस से ही खुदरा बिक्री पर उम्मीद बंधी है।

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