बालोद-जिले में तीज पर्व पर पति की दीर्घायु के लिए उपवास शुरू करने के लिए महिलाओं ने बुधवार की रात करेले की सब्जी खाई। इस दौरान उन्हें आसपास घरों से न्यौता मिला। दूसरे दिन गुरुवार की सुबह से पूजा के बाद निर्जला उपवास शुरू कीं। दिनभर श्रगार व पूजा की तैयारी के बाद रात को भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा कर शुक्रवार को फिर पूजा के बाद भोजन कर व्रत तोड़ेंगी। इधर बुधवार को तीजहारिनों के मायके जाने का सिलसिला जारी था। इसके कारण बसों व ट्रेनों में लोगों की अच्छी भीड़ देखी गई। इस वजह से तीजहारिनों को सफर में भारी परेशानी उठानी पड़ी। जो भी हो मायके आने के बाद सुहागिनें परिवार व अपनी पुरानी सहेलियों से मेल मुलाकात करती रहीं। रात को हाथों में मेहंदी सजाई, श्रृंगार की तैयारी की।
फुलेरा सजाकर रातभर तीजहरिन महिलाएं करेगी शिव पार्वती की आराधना
तीजहरिन महिलाएं अपने अपने धरो में फुलेरा सजाकर रातभर भगवान शिव और पार्वती माता की पूजा अर्चना करेगी।गुरुवार की रात महिलाओं ने घरों में शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना के साथ कथा पढ़ी-सुनाई जाएगी। शुक्रवार की सुबह मिट्टी से बनाई गई शिव-पार्वती की प्रतिमा और फुलेरा को नदी व तलाबों में विसर्जित किया जाएगा।इसके बाद पूजा अर्चना कर व्रती महिलाएं 24 धंटे का उपवास तोड़ेंगे।
सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र, कन्याओं ने योग्य वर के लिए
बुधवार की रात करेले की सब्जी यानि करू भात खाकर महिलाएं तीजा के दिन गुरुवार को निर्जला उपवास रखेंगी। अन्य व्रत की तुलना में इस व्रत को कठिन माना जाता है। पूरे दिन व रातभर अन्न-जल त्यागकर सुहागिनें अपने सुहाग के लिए तथा कुंवारी कन्याएं अपने लिए अच्छे वर की कामना के लिए व्रत रखेंगी।