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धान का समर्थन मूल्य बढ़ने से दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना में मंडराने लगे संकट के बादल

बालोद।बालोद जिले के दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना करकाभाट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जबसे धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है, तब से गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या घट गई है।इधर शक्कर कारखाना में मेंटेनेंस का कार्य अंतिम चरण में है। दिसंबर में गन्ना पेराई व शक्कर उत्पादन का काम शुरू होगा। प्रबंधन की माने तो 90 प्रतिशत से ज्यादा मेंटेनेंस पूरा हो गया है। बचे 10 प्रतिशत मेंटेनेंस कार्य गन्ना पेराई से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा।इस बार भी गन्ने की कमी रहेगी। अन्य जिले के किसानों से गन्ना लिया जाएगा। जिले में किसानों को गन्ना की फसल लेने के प्रति विभाग अभी तक सफल नहीं हुआ है। जिले में गन्ना उत्पादकों की संख्या कम होती जा रही है। किसानों के मुताबिक जबसे धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है, तबसे गन्ना के प्रति रुझान कम हो गया है।

विभागीय जानकारी के मुताबिक दिसंबर में शक्कर कारखाना में गन्ना पेराई व शक्कर उत्पादन शुरू होगा, जिसकी तैयारी चल रही है।गन्ना उत्पादक किसान तेज राम ने कहा कि सरकार धान का समर्थन मूल्य बढ़ाती है तो गन्ना का दाम भी बढ़ाना चाहिए। फसलों में किसानो के साथ न्याय करें। आज शक्कर कारखाना को चलाने गन्ने की जरूरत है। किसान जागरूक भी होंगे और गन्ने की खेती भी करेंगे, लेकिन इसके लिए सरकार को भी गंभीरता से सोचकर गन्ने के समर्थन मूल्य पर भी ध्यान देना चाहिए।जिलेभर में कुल 1300 गन्ना उत्पादक किसान हैं, जिन्होंने लगभग 1200 हेक्टेयर में गन्ने की फसल ली है। विभाग के लिए नए गन्ना किसान तैयार करना भी चुनौती बन गया है। जबसे धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है, तबसे गन्ना के प्रति किसानों का रुझान कम हो गया है।

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