बालोद। श्री दुर्गा समिति गंजपारा बालोद के तत्वावधान में महादेव भवन बालोद में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के पांचवें दिन कथाकार रुचिता तिवारी ने अनेक प्रसंगों पर व्याख्यान दिया।
आज कथाकार रुचिता तिवारी ने मां भगवती के काली रूप, दुर्गा रूप में प्रकट होने की कथा बताइ। मां भगवती द्वारा महिषासुर, शुभ, निशुंभ, चंद्र मुंडा, धूम्र लोचन, रक्तबीज आदि दैत्यों के संघार की कथा बताई। कथा में मां कालिका के स्वरूप का बखान किया। उन्होंने कहा कि मां भगवती विभिन्न रूपों में प्रकट होकर समस्त पापियों का नाश करती है। उन्होंने आगे कहा कि मां भगवती जीवन को कल्याणकारी करने वाली मां है। भक्तों की रक्षा करने वाली है मां भगवती। इसीलिए भगवान कहते हैं मेरा वास वहां है जहां भक्त भजन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम कभी कथा को नहीं सुनते हैं कथा हमें सुनती है। जीवन का वृत्तांत बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ना कुछ कमी सभी में होती है। पर जिंदगी में कितनी भी कमी हो भगवती अपना लेती है। भक्त को शांत मन से बैठकर सोचना चाहिए कि भगवान ने हमें क्या-क्या नहीं दिया है। भगवान ने यदि दुख दिया है तो सुख भी दिया है, लेकिन हम सुख को भूल जाते हैं और दुख को याद रखते हैं। सुखो या दुख हो भगवान की सेवा प्रत्येक जीव को करनी चाहिए। मां भगवती हमें भीतर से आशीर्वाद देती है। हमे विश्वास रखना चाहिए कि सबके भीतर में भगवान हैं। जीवन में कष्ट सबको होता है लेकिन मां का आशीर्वाद भीतर से मिलता है। भक्त को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भगवान कभी पक्षपात नहीं करते। प्रभु सभी के लिए समान हैं। भगवान सर्वव्यापी है। जितना आवश्यकता होती है भगवान उतना ही देते है। अगर आपके पास भगवती है तो लक्ष्य अपने आप आएगा। भगवान को सुनना है तो शांत मन से सुनो। धैर्य रखकर सुनो इसीलिए कहा गया कि पानी पियो छान के गुरु बनाओ जान के। ऐसा कोई जगह नहीं जहां शिव ना हो, शिव सभी जगह है। मनुष्य छोटा सा संसार बनाते हैं लेकिन भगवान पूरा संसार बनाते हैं। भगवान के कार्य पर शंसय नहीं करना चाहिए, भगवान जो करते हैं बहुत सोच समझकर करते हैं।
जस गीतों की बही बयार
पंचम दिन कथा के दौरान मां भगवती के विभिन्न रूपों में अवतार लेने की कथा के समय अनेक बार कथा मंच से जस गीत गाए गए। इन जस गीतों में भक्तों से भरा पंडाल झूम उठता था। अपनी अपनी जगह पर खड़े होकर श्रद्धालु जस गीतों पर खूब झूमे।
काली माई व मन दुर्गा के अवतार की झांकी निकाली गई जिसमें राक्षसों का वध करते हुए दिखाया गया। झांकी को भी लोगों ने खूब पसंद किया। 11 अक्टूबर तक चलने वाली कथा में जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते जा रहे हैं भक्तों की संख्या भी पंडाल में लगातार बढ़ती जा रही है। आज कथा का पंचम दिवस होने व नवरात्रि की तिथि की पंचमी होने के कारण भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी रही।