प्रदेश रूचि

कुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाईपांच दिनों के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद ट्रांसपोर्टरों का बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन…… माइंस की गाड़ियों को रोक किया चक्काजाममुख्यमंत्री साय अब ट्रेन से भी करेंगे राज्य के विविध क्षेत्रों का दौरा….बिलासपुर में आयोजित कवि सम्मेलन सुनने अमरकंटक एक्सप्रेस से हुए रवाना…मुख्यमंत्री ने कहा – ट्रेन से यात्रा का आनंद ही अलग होता है


नौ माह में 312 हादसों में 159 लोगों ने गंवाई जान , 288 से अधिक हुए घायल

बालोद।जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों से जिले की सड़कें ‘लाल’ हो रही हैं। आए दिन हो रहे हादसों के कारण लोगों की जिदगी की डोर टूट रही है। यातायात पुलिस की उदासीनता व लोगों में जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते लोगो की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है। जिले में इस वर्ष जनवरी से लेकर सितंबर तक 312 सड़क दुर्घटनाएं हुई है जिसमें 159 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 288 से अधिक लोग धायल हो चुके है। इस तरह औसत रोज एक व्यक्ति सड़क दुर्धटना का शिकार हो रहे है । जिले की सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही है। तेज रफ्तार वाहनों के कहर से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है।

 

घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे

 

इतनी घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे हैं। जिला पुलिस विभाग व यातायात विभाग द्वारा वर्ष में एक बार लोगों को जागरूक करने के लिए यातायात के नियम की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता हैं।सड़क सप्ताह के दौरान लोगो को नशे की हालत एवं तेज रफ्तार से वाहन न चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी दिया जाता हैं। आखिरकार इन नियमों का पालन वाहन चालकों को ही करना है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण ही उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। इसी वजह से 09 माह में 312 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 159 लोगों की मौत हो गई और 288 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

नौ माह में 312 हादसों में 159 लोगों ने गंवाई जान और 288 से अधिक हुए घायल

 

आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब के नशे में हुई है जिनके कारण मौत भी हुई है। लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाने के कारण अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। जनवरी से लेकर सितंबर तक ही 312 हादसे हुए। इसमें 159 की मौत हो गई और 288 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसों की एक वजह अंधा मोड़ में सावधानी नहीं बरतना भी सामने आया है।

ज्यादा मौत बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाने से

यातायात विभाग के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत शराब के नशे में और बिना हेलमेट वाहन चलाने से सिर में गंभीर चोट लगने से होती है। पुलिस जागरूकता अभियान में वाहन चालकों को हेलमेट का उपयोग करने एवं वाहन सामान्य गति से चलाने व शराब के नशे में वाहन नहीं चलाने की समझाइश देती है। इसके बाद भी वाहन चालक मनमानी व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!