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पीएम मोदी न्यूयॉर्क,अमेरिका में पहुंचे भारतीय समुदाय के बीच..करीब 1 घंटे से अधिक समय तक दिए भाषण..इस दौरान पीएम मोदी ने क्या कहा पढ़े पूरा भाषण सिर्फ प्रदेशरूचि पर

 

 


 
नई दिल्ली – देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अमेरिका के दौरे पर है अमेरिका के वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच यह अंतिम मुलाकात भी कहा जा सकता है पीएम मोदी अपने इस अहम दौरे के दौरान अमेरिका में बड़े भारतीयों के बीच भी पहुंचे, पीएम मोदी के आगमन पर प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का जमकर स्वागत किए तो वही पीएम मोदी भी इस दौरे में भारतीयों के बीच पहुंचकर उन्हें संबोधित किया अमेरिका के मंच पीएम मोदी ने क्या कहा हम आपको अक्षरशः बताएंगे पीएम मोदी का पूरा भाषण आप नीचे पढ़ सकते है

पीएम मोदी ने आम लोगो के स्वागत के बाद अभिवादन करते हुए कहा…भारत माता की जय!…भारत माता की जय!…भारत माता की जय!
नमस्ते U.S. ! अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया है, लोकल से ग्लोबल हो गया है, और ये सब आपने किया है। अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने किया है।

 

साथियों,

आप यहां इतनी दूर-दूर से आए हैं, कुछ पुराने चेहरे हैं, कुछ नए चेहरे हैं. आपका ये प्यार, ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। मुझे वो दिन याद आते हैं। जब मैं पीएम भी नहीं था, सीएम भी नहीं था, नेता भी नहीं था। उस समय एक जिज्ञासू के तौर पर यहां आप सब के बीच आया करता था। इस धरती को देखना, इसे समझना, मन में कितने ही सवाल लेकर के आता था। जब मैं किसी पद पर नहीं था। उससे पहले भी मैं अमेरिका के करीब-करीब 29 स्टेट्स में दौरा कर चुका था। उसके बाद जब मैं CM बना तो टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपके साथ जुड़ने का सिलसिला जारी रहा। PM रहते हुए भी मैंने आपसे अपार स्नेह पाया है, अपनत्व पाया है। 2014 में मेडिसन स्क्वायर, 2015 में सैन होसे, 2019 में ह्यूस्टन, 2023 में वॉशिंगटन औऱ अब 2024 में न्यू यॉर्क, और आप लोग हर बार पिछला रिकॉर्ड तोड़ देते हैं।

साथियों,

मैं हमेशा से आपके सामर्थ्य को, भारतीय डायस्पोरा के सामर्थ्य को समझता रहा हूं। जब मेरे पास कोई सरकारी पद नहीं था, तब भी समझता था और आज भी समझता हूं। आप सब मेरे लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत ब्रैंड एंबेसेडर रहे हैं। और इसलिए मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं। आपने अमेरिका को भारत से, और भारत को अमेरिका से कनेक्ट किया है। आपका स्किल, आपका टैलेंट, आपका कमिटमेंट, इसका कोई मुकाबला नहीं है। आप सात समंदर पार भले आ गए हैं। लेकिन कोई समंदर इतना गहरा नहीं, जो दिल की गहराइयों में बसे हिंदुस्तान को आपसे दूर कर सके। मां भारती ने जो हमें सिखाया है, वो हम कभी भी भूल नहीं सकते। हम जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं। डायवर्सिटी को समझना, डायवर्सिटी को जीना, उसे अपने जीवन में उतारना, ये हमारे संस्कारों में है, हमारी रगों में है। हम उस देश के वासी हैं  हमारे यहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं। दुनिया के सारे मत हैं, पंथ हैं। फिर भी हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। यहां इस हॉल में ही देखिए, कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, तो कोई कन्नड़ा, कोई पंजाबी, तो कोई मराठी, और तो कोई गुजराती, भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है। और वो भाव है- भारत माता की जय। वो भाव है – भारतीयता। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी strength है, सबसे बड़ी ताकत है। यही वैल्यूज़, हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाती हैं। हमारे यहां कहा जाता है- तेन त्यक्तेन भुंजीथा:। यानि जो त्याग करते हैं, वे ही भोग पाते हैं। हम दूसरों का भला करके, त्याग करके सुख पाते हैं। और हम किसी भी देश में रहें, ये भावना नहीं बदलती है। हम जिस सोसायटी में रहते हैं, वहां ज्यादा से ज्यादा योगदान करते हैं। यहां अमेरिका में आपने डॉक्टर्स के रूप में, रिसरचर्स के रूप में, Tech (टेक) Professionals के रूप में, Scientists के रूप में या दूसरे प्रोफेशन्स में जो परचम लहराया हुआ है, वो इसी का प्रतीक है। अभी कुछ समय पहले ही तो यहां T-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप हुआ था और USA की टीम क्या गजब खेली, और उस टीम में यहां रह रहे भारतीयों का जो योगदान था वो भी दुनिया ने देखा है।

 

साथियों,

दुनिया के लिए AI का मतलब है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस। लेकिन मैं मानता हूं कि AI का मतलब अमेरिका-इंडिया। अमेरिका-इंडिया ये स्पिरिट है और वही तो नई दुनिया का एआई पावर है। यही AI स्पिरिट, भारत-अमेरिका रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है। मैं आप सभी को, इंडियन डायस्पोरा को सैल्यूट करता हूं। I Salute(सेल्यूट) you All.

साथियों,

मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, हर लीडर के मुंह से भारतीय डायस्पोरा की तारीफ ही सुनता हूं। कल ही, प्रेसिडेंट बाइडेन, मुझे डेलावेयर में अपने घर ले गए थे। उनकी आत्मीयता, उनकी गर्मजोशी, मेरे लिए दिल छू लेने वाला मोमेंट रहा। ये सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, ये सम्मान आपका है, आपके पुरुषार्थ का है, ये सम्मान यहां रहने वाले लाखों भारतीयों का है। मैं प्रेसिडेंट बाइडेन का आभार करूंगा और साथ ही आपका भी आभार व्यक्त करूंगा।

 

साथियों,

2024 का ये साल पूरी दुनिया के लिए बहुत अहम है। एक तरफ दुनिया के कई देशों के बीच संघर्ष है, तनाव है तो दूसरी तरफ कई देशों में डेमोक्रेसी का जश्न चल रहा है। भारत और अमेरिका, डेमोक्रेसी के इस जश्न में भी एक साथ हैं। यहां अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और भारत में चुनाव हो चुके हैं। भारत में हुए ये इलेक्शन, ह्यूमन हिस्ट्री के अब तक के सबसे बड़े चुनाव थे, आप कल्पना कर सकते हैं, अमेरिका की कुल आबादी से भी करीब दोगुने वोटर्स, इतना ही नहीं पूरे यूरोप की कुल आबादी से ज्यादा वोटर्स, इतने सारे लोगों ने भारत में अपने वोट डाले। जब हम भारत की डेमोक्रेसी का उसका स्केल देखते हैं, तो और भी गर्व होता है। तीन महीने का पोलिंग प्रोसेस, 15 मिलियन यानि डेढ़ करोड़ लोगों का पोलिंग स्टाफ, एक मिलियन यानि 10 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन, ढाई हजार से ज्यादा पॉलिटिकल पार्टीज़, 8 हज़ार से ज्यादा कैंडिडेट्स, अलग-अलग भाषाओं के हजारों न्यूजपेपर्स, सैकड़ों रेडियो स्टेशन, सैकड़ों टीवी न्यूज चैनल, करोड़ों सोशल मीडिया अकाउंट्स, लाखों सोशल मीडिया चैनल्स, ये सब भारत की डेमोक्रेसी को वाइब्रेंट बनाते हैं। ये फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के विस्तार का दौर है। इस लेवल की स्क्रूटनी से होकर हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया गुज़रती है।

 

और साथियों,

इस लंबी चुनावी प्रक्रिया से गुजरकर इस बार भारत में कुछ अभूतपूर्व हुआ है। क्या हुआ है?  क्या हुआ है? क्या हुआ है? क्या हुआ है? अबकी बार –  अबकी बार –  अबकी बार ।

साथियों,

तीसरी बार, हमारी सरकार की वापसी हुई है। और ऐसा पिछले 60 सालों में भारत में नहीं हुआ था। भारत की जनता ने ये जो नया मैंडेट दिया है, उसके मायने बहुत हैं और बहुत बड़े भी हैं। ये तीसरे टर्म में हमें बहुत बड़े लक्ष्य साधने हैं। हमें तीन गुना ताकत, और तीन गुना गति के साथ आगे बढ़ना है, आपको एक शब्द याद रहेगा पुष्प। हां कमल मान लीजिए मुझे ऐतराज नहीं है। पुष्प और मैं इस पुष्प को डिफाइन करता हूं। पी फोर  Progressive भारत,  यू फोर Unstoppable भारत! एस फोर Spiritual (स्पिरिचुअल) भारत! एच फोर Humanity First को समर्पित भारत! पी फोरProsperous भारत। यानि PUSHP- पुष्प की पांच पंखुड़ियां को मिलकर ही विकसित भारत बनाएंगे।

 

साथियों,

मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसका जन्म आज़ादी के बाद हुआ। आजादी के आंदोलन में करोड़ों भारतीयों ने स्वराज के लिए जीवन खपा दिया था, उन्होंने अपना हित नहीं देखा, अपने कंफर्ट जोन की चिंता नहीं की, वो तो बस देश की आजादी के लिए सब कुछ भूलकर अंग्रेजों से लड़ने चल पड़े थे। उस सफर में किसी को फांसी का फंदा मिला, किसी के शरीर को गोलियों से भून दिया गया, कोई यातनाएं सहते हुए जेल में ही गुजर गया, कईयों की जवानी जिंदगी जेल में खप गई।

 

साथियों,

हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जरूर जी सकते हैं। मरना हमारे नसीब नहीं था, जीना हमारे नसीब है। पहले दिन से मेरा मन और मेरा मिशन एकदम क्लीयर रहा है। मैं स्वराज्य के लिए जीवन नहीं दे पाया, लेकिन मैंने तय किया सुराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करूंगा। मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा रहा जिसमें मैं सालों-साल तक पूरे देश में घूमता रहा, भटकता रहा, जहां खाना मिला वहां खा लिया, जहां सोने को मिला, वहां सो लिया, समंदर के किनारे से लेकर पहाड़ों तक, रेगिस्तान से लेकर बर्फीली चोटियों तक, मैं हर क्षेत्र के लोगों से मिला, उनको जाना-समझा। मैंने अपने देश के जीवन, अपने देश की संस्कृति, अपने देश की चुनौतियों का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियन्स लिया।  वो भी एक वक्त था जब मैंने अपनी दिशा कुछ और तय की थी, लेकिन नियति ने मुझे राजनीति में पहुंचा दिया। कभी नहीं सोचा था कि एक दिन चीफ मिनिस्टर बनूंगा, और बना तो गुजरात का longest  serving Chief Minister बन गया। 13 साल तक गुजरात का चीफ मिनिस्टर रहा, इसके बाद लोगों ने प्रमोशन देकर मुझे प्राइम मिनिस्टर बना दिया। लेकिन दशकों तक देश के कोने-कोने में जाकर मैंने जो सीखा है., उसी ने चाहे राज्य हो या केंद्र, मेरे सेवा के मॉडल को, मेरे गवर्नेंस के मॉडल को इतना सफल बनाया है। पिछले 10 साल में इस गवर्नेंस मॉडल की सफलता आपने देखी है, पूरी दुनिया ने देखी है, और अब देश के लोगों ने बहुत बड़े भरोसे के साथ मुझे ये तीसरा टर्म सौंपा है। इस थर्ड टर्म में, मैं तीन गुना ज्यादा दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ रहा हूं।

साथियों,

आज भारत, दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। भारत, Energy से भरा हुआ है, सपनों से भरा हुआ है। रोज़ नये कीर्तिमान, हर रोज़ नई ख़बर, आज ही एक औऱ बहुत अच्छी खबर मिली है। चेस ओलंपियाड में, मेन्स और वुमेन्स, दोनों में भारत को गोल्ड मिला है। लेकिन एक और बात बताऊं जब ज्यादा तालियां बजानी पड़ेगी। यह लगभग सौ साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। पूरे देश को, हर हिंदुस्तानी को हमारे चेस प्लेयर्स पर बहुत गर्व है। एक और AI है, जो भारत को ड्राइव कर रही है, और वो कौन सा और है? वो है- ए फोर Aspirational (एस्पिरेशनल), आई फोर India, Aspirational India. ये नया फोर्स है, नई ऊर्जा है। आज करोड़ों भारतीयों की aspirations (एस्पिरेशन), भारत की ग्रोथ को ड्राइव कर रही हैं। हर एस्पीरेशन, नए अचीवमेंट को जन्म देती है। औऱ हर अचीवमेंट, नई एस्पिरेशन के लिए खाद पानी बन रही है। एक दशक में भारत, 10वें नंबर से 5वें नंबर की इकॉनॉमी बन गया। अब हर भारतीय चाहता है कि भारत जल्दी से Third largest economy बने। आज देश के एक बहुत बड़े वर्ग की बेसिक नीड्स पूरी हो रही हैं। पिछले 10 साल में, करोड़ों लोगों को क्लीन कुकिंग गैस की सुविधा मिली है, उनके घर तक पाइप से साफ पानी पहुंचने लगा है, उनके घर में बिजली कनेक्शन पहुंचा है, उनके लिए करोड़ों टॉयलेट्स बने हैं। ऐसे करोड़ों लोग अब क्वालिटी लाइफ चाहते हैं।

https://x.com/narendramodi/status/1838008942166704253?t=bfngVC5hhHwIZCXI6PfEVA&s=19

साथियों,

अब भारत के लोगों को सिर्फ रोड नहीं, उन्हें शानदार एक्सप्रेसवे चाहिए। अब भारत के लोगों को सिर्फ रेल कनेक्टिविटी नहीं, उन्हें हाईस्पीड ट्रेन चाहिए।  भारत के हर शहर की अपेक्षा है, उसके यहां मेट्रो चले, भारत के हर शहर की अपेक्षा है, उसका अपना एयरपोर्ट हो। देश का हर नागरिक, हर गांव-शहर चाहता है कि उसके यहां दुनिया की बेस्ट सुविधाएं हों। औऱ इसका नतीजा हम देख रहे हैं। 2014 में भारत के सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो थी, आज 23 शहरों में मेट्रो है। आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क भारत में है। और इसका हर दिन विस्तार हो रहा है।

 

साथियों,

2014 में भारत के सिर्फ 70 शहरों में एयरपोर्ट्स थे, आज 140 से ज्यादा शहरों में एयरपोर्ट्स हैं। 2014 में 100 से भी कम ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी थी, 100 से भी कम, आज 2 लाख से भी ज्यादा पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी है। 2014 में भारत में 140 मिलियन यानि 14 करोड़ के आसपास LPG कंज्यूमर थे। आज भारत में 310 मिलियन यानि 31 करोड़ से ज्यादा LPG कंज्यूमर हैं। जिस काम में पहले सालों लग जाते थे, वो काम अब महीनों में खत्म हो रहा है। आज भारत के लोगों में एक आत्मविश्वास है, एक संकल्प है, मंजिल तक पहुंचने का इरादा है, भारत में डवलपमेंट, एक पीपल्स मूवमेंट बन रहा है। और हर भारतीय विकास के इस मूवमेंट में बराबर का पार्टनर बन गया है। उसे भरोसा हैभारत की सफलता पर, भारत की उपलब्धियों पर।

 

साथियों,

भारत आज, land of opportunities है, अवसरों की धरती है। अब भारत, अवसरों का इंतज़ार नहीं करता, अब भारत अवसरों का निर्माण करता है। बीते 10 साल में भारत ने हर सेक्टर में opportunities का एक नया launching pad तैयार किया है। आप देखिए सिर्फ एक दशक में ही, और ये बात आप सबको गर्व देगी, सिर्फ एक दशक में ही  25 करोड़ लोग, एक दशक में ही  25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये कैसे हुआ?  ये इसलिए हुआ, हमने पुरानी सोच बदली, अप्रोच बदली। हमने गरीब को Empower करने पर फोकस किया। 50 करोड़ यानि 500 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा, 55 करोड़ यानि 550 मिलियन, से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपए तक का फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट देना, 4 करोड़ यानि 40 मिलियन से ज्यादा फैमिलीज को पक्के घर देना, Collateral (कोलैटरल) free loans का सिस्टम बनाकर करोड़ों लोगों को ease of credit से जोड़ना, ऐसे अनेकों काम हुए, तब इतने लोगों ने, खुद ने गरीबी को हराया। और वो गरीबी से निकलकर के आज यही निओ-मिडिल क्लास, भारत के डवलपमेंट को तेज गति दे रहा है।

https://x.com/narendramodi/status/1838010347405386006?t=VCZIEVRdij_mF9wWwmS5Fw&s=19

 

साथियों,

हमने women welfare के साथ ही women led (लेड) development पर फोकस किया है। सरकार ने जो करोड़ों घर बनवाए, उनकी रजिस्ट्री महिलाओं के नाम हुई। जो करोड़ों बैंक खाते खुले, उसमें से आधे से ज्यादा खाते महिलाओं के खुले। 10 साल में भारत की 10 करोड़ महिलाएं माइक्रो Entrepreneurship Scheme से जुड़ी हैं। मैं आपको एक और Example देता हूं। हम भारत में एग्रीकल्चर को टेक्नॉलॉजी के साथ जोड़ने में अनेक प्रयास कर रहे हैं। उसमें आज खेती में, किसानी मे भरपूर मात्रामें ड्रोन का उपयोग आज भारत में नजर आता है। शायद ड्रोन आपके लिए नई बात नहीं है। लेकिन नई बात ये है,  इसकी जिम्मेदारी कौन समझता है पता है? ये Rural women के पास है। हम हजारों महिलाओं को ड्रोन पायलट्स बना रहे हैं। एग्रीकल्चर में टेक्नोलॉजी का ये बहुत बड़ा रेवॉल्यूशन गांव की महिलाएं लेकर आ रही हैं।

 

साथियों,

जो Areas पहले Neglected थे, वो आज देश की प्रायॉरिटी हैं। आज भारत जितना कनेक्टेड है, उतना पहले कभी नहीं रहा। आप हैरान होंगे, आज भारत का 5G मार्केट, बताऊं, बुरा नहीं लगेगा ना? आज भारत का 5G मार्केट  अमेरीका से भी बड़ा हो चुका है। और ये 2 साल के भीतर-भीतर हुआ है। अब तो भारत, मेड इन इंडिया,  6G पर काम कर रहा है। ये कैसे हुआ? ये इसलिए हुआ, क्योंकि हमने इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए policies बनाईं। हमने मेड इन इंडिया टेक्नॉलॉजी पर काम किया। हमने सस्ते डेटा पर, मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग पर फोकस किया। आज दुनिया का करीब-करीब हर बड़ा मोबाइल ब्रांड, मेड इन इंडिया है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैनुफैक्चरर है। एक जमाना था मेरे आने से पहले जब हम Mobile Importer थे, आज हम Mobile  Exporter बन गए हैं।

 

साथियों,

अब भारत पीछे नहीं चलता, अब भारत नई व्यवस्थाएं बनाता है, अब भारत नेतृत्व करता है। भारत ने digital public infrastructure-DPI का नया कॉन्सेप्ट दुनिया को दिया है। DPI ने Equality को प्रमोट किया है, ये करप्शन को कम करने का भी बहुत बड़ा माध्यम बना है। भारत का UPI आज, पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है। आपकी जेब में वॉलेट है, लेकिन भारत में लोगों की जेब के साथ ही फोन में वॉलेट है, ई-वॉलेट है। अनेक भारतीय अब अपने डॉक्यूमेंट्स, फिज़िकल फोल्डर्स में नहीं रखते, उनके पास डिजी लॉकर है। वो एयरपोर्ट में जाते हैं, तो डिजी यात्रा से सीमलेस ट्रैवल करते हैं। ये डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर,जॉब्स, इनोवेशन और इससे जुड़ी हर टेक्नॉलॉजी का लॉन्चिंग पैड बन गया है।

 

साथियों,

भारत, भारत अब रुकने वाला नहीं है, भारत अब थमने वाला नहीं है। भारत चाहता है, दुनिया में ज्यादा से ज्यादा डिवाइस मेड इन इंडिया चिप पर चलें। हमने सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी भारत की तेज ग्रोथ का आधार बनाया है। पिछले साल जून में भारत ने सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए इंसेंटिव्स घोषित किए थे। इसके कुछ ही महीनों बाद माइक्रोन की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का शिलान्यास भी हो गया। अब तक भारत में ऐसी 5 यूनिट्स स्वीकृत हो चुकी है। वो दिन दूर नहीं जब आप मेड इन इंडिया चिप यहां अमेरिका में भी देखेंगे। ये छोटी सी चिप – विकसित भारत की उड़ान को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, और ये मोदी की गारंटी है।

 

साथियों,

आज भारत में रिफॉर्म्स के लिए जो Conviction (कन्विक्शन), जो कमिटमेंट है, वो अभूतपूर्व है। हमारा ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन प्रोग्राम, इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। दुनिया की 17 परसेंट पॉपुलेशन होने के बावजूद, ग्लोबल कार्बन एमिशन में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 4 परसेंट है। दुनिया को बर्बाद करने में हमारा कोई रोल नहीं है। पूरी दुनिया की तुलना में एक तरह से यानि कह सकते हैं ना के बराबर है। हम भी सिर्फ कार्बन फ्यूएल जलाकर अपनी ग्रोथ को सपोर्ट कर सकते थे। लेकिन हमने ग्रीन ट्रांजिशन का रास्ता चुना। प्रकृति प्रेम के हमारे संस्कारों ने हमें गाइड किया। इसलिए, हम सोलर, विंड, हाइड्रो, ग्रीन हाइड्रोजन और न्यूक्लियर एनर्जी पर इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। आप देखिए, भारत G20 का ऐसा देश है, जिसने Paris climate goals को सबसे पहले पूरा कर दिया। 2014 के बाद से भारत ने अपनी Solar Energy Installed Capacity को 30 गुना से ज्यादा बढ़ाया है। हम देश के हर घर को सोलर पावर होम बनाने में जुटे हैं। इसके लिए रूफटॉप सोलर का बहुत बड़ा मिशन हमने शुरु किया है। आज हमारे रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट Solarise (सोलराइस) हो रहे हैं। भारत, घरों से लेकर सड़कों तक Energy Efficient Lighting के रास्ते पर चल पड़ा है। इन सारे प्रयासों से भारत में बहुत बड़ी संख्या में Green Jobs पैदा हो रही हैं।

https://x.com/narendramodi/status/1838009869724516414?t=1A04hzV8wnc92hk_-c2Lsw&s=19

साथियों,

21वीं सदी का भारत, एजुकेशन, स्किल, रिसर्च और इनोवेशन के दम पर आगे बढ़ रहा है। आप सभी नालंदा यूनिवर्सिटी के नाम से परिचित हैं। कुछ समय पहले ही भारत की प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी, नए अवतार में सामने आई है। आज सिर्फ यूनिवर्सिटी को ही नहीं बल्कि नालंदा स्पिरिट को भी रिवाइव कर रहा है। पूरी दुनिया के स्टूडेंट्स भारत आकर पढ़ें, हम इस तरह का आधुनिक इकोसिस्टम बना रहे हैं। बीते 10 साल में भारत में, ये भी जरा आप लोगों को याद रखने जैसी बात बताता हूं मैं। बीते 10 साल में, भारत में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं। हर दिन एक नई ITI की स्थापना हुई है। 10 साल में ट्रिपल आईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो चुकी है। IIMs की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो चुकी है। AIIMs की संख्या, तीन गुना बढ़कर 22 हो चुकी है। 10 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो चुकी है। टॉप ग्लोबल यूनिवर्सिटीज़ भी आज भारत आ रही हैं, भारत का नाम है। अभी तक दुनिया ने भारत के designers का दम देखा, अब दुनिया, design in India का जलवा देखेगी।

 

साथियों,

आज हमारी साझेदारी, पूरी दुनिया के साथ बढ़ रही है। पहले भारत, सबसे समान दूरी की नीति पर चलता था – Equal Distance. अब भारत, सबसे समान नज़दीकी की नीति पर चल रहा है। हम ग्लोबल साउथ की भी बुलंद आवाज बन रहे हैं। आपने देखा होगा, भारत की पहल पर G-20 समिट में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिली। आज जब भारत ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कुछ कहता है, तो दुनिया सुनती है। कुछ समय पहले जब मैंने कहा- This is not the era (एरा) of war…तो उसकी गंभीरता सबने समझी।

 

साथियों,

आज दुनिया में कहीं भी संकट आए, भारत first responder के रूप में सामने आता है। कोरोना के समय में हमने 150 से ज्यादा देशों को वैक्सीन और दवाइयां भेजी, कहीं भूकंप आए, कहीं सायक्लोन आए, कहीं गृहयुद्ध हो, हम मदद के लिए सबसे पहले पहुंचते हैं। यही हमारे पुरखों की सीख है, यही हमारे संस्कार हैं।

 

साथियों,

आज का भारत दुनिया में एक नए catalytic agent की तरह उभर रहा है। और इसका प्रभाव हर सेक्टर में दिखेगा। ग्लोबल ग्रोथ के प्रोसेस को तेज़ करने के लिए भारत का रोल अहम होगा, ग्लोबल पीस के प्रोसेस को तेज करने के लिए भारत का रोल अहम होगा, ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन को स्पीड अप करने में भारत का रोल अहम होगा, ग्लोबल स्किल गैप को दूर करने में भारत का रोल अहम होगा, ग्लोबल इनोवेशन्स को नई दिशा देने में भारत का रोल अहम होगा, ग्लोबल सप्लाई चेन में स्टेबिलिटी के लिए भारत की भूमिका अहम होगी।

 

साथियों,

भारत के लिए शक्ति और सामर्थ्य का अर्थ है, भारत के लिए शक्ति और सामर्थ्य का अर्थ है- “ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय”। यानि Knowledge is for sharing. Wealth is for caring. Power is for protecting. इसीलिए, भारत की प्राथमिकता दुनिया में अपना दबाव बढ़ाने की नहीं, अपना प्रभाव बढ़ाने की है। हम आग की तरह जलाने वाले नहीं, हम सूरज की किरण की तरह रोशनी देने वाले लोग हैं। हम विश्व पर अपना दबदबा नहीं चाहते। हम विश्व की समृद्धि में अपना सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। योग को बढ़ावा देना हो, सुपरफूड मिलेट्स को बढ़ावा देना हो, मिशन लाइफ, यानि लाइफस्टाइल फॉर इनवायरन्मेंट का विजन हो, भारत, GDP सेंट्रिक ग्रोथ के साथ ही ह्यूमेन सेंट्रिक ग्रोथ को भी प्राथमिकता दे रहा है। मेरा आपसे भी आग्रह है, यहां मिशन लाइफ को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करिए। हम अपनी लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव करके भी पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। शायद आपने सुना होगा और हो सकता है आप में से कुछ लोगों ने initiative लिया भी हो, आजकल भारत, में एक पेड़ मां के नाम, अपनी मां को याद करते हुए एक पेड़ लगाना, मां जिंदा है तो साथ ले जाना, मां नहीं है तो तस्वीर ले जाना, एक पेड़ मां के नाम लगाने का अभियान आज देश के हर कोने में चल रहा है। और मैं चाहूंगा, आप सभी यहां भी ऐसा अभियान चलाएं। ये हमारी जन्मदाता मां और धरती मां, दोनों का यश बढ़ाएगा।

 

साथियों,

आज का भारत बड़े सपने देखता है, बड़े सपनों का पीछा करता है। अभी कुछ दिन पहले ही पेरिस ओलंपिक खत्म हुए हैं। अगले ओलंपिक्स का होस्ट, USA है। जल्द ही, आप भारत में भी ओलंपिक्स के साक्षी बनेंगे। हम 2036 के ओलंपिक्स की मेजबानी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। स्पोर्ट्स हो, बिजनेस हो या फिर एंटरटेनमेंट, आज भारत बहुत बड़े आकर्षण का केंद्र है। आज IPL जैसी भारत की लीग्स, दुनिया की टॉप लीग्स में से एक है। भारत की फिल्में, ग्लोबली धूम मचा रही हैं। भारत आज ग्लोबल टूरिज्म में भी परचम लहरा रहा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के त्योहार मनाने की होड़ है। मैं देख रहा हूं इन दिनों हर शहर में लोग नवरात्रि का गरबा सीख रहे हैं।  ये भारत के प्रति उनका प्यार है।

 

साथियों,

आज हर देश भारत को ज्यादा से ज्यादा समझना चाहता है, जानना चाहता है। आपको एक और बात जानकर खुशी होगी। कल ही, अमेरिका ने हमारे करीब 300 पुराने जो शिलालेख और मूर्तियां  थीं, जो कभी हिंदुस्तान से कोई चोरी कर गया होगा, कोई 1500 साल पुरानी, कोई 2000 साल पुरानी, 300 शिलालेख और मूर्तियां भारत को लौटाई हैं। अभी तक अमेरिका ऐसी लगभग 500 धरोहरें भारत को लौटा चुका है। ये कोई छोटी सी चीज लौटाने का विषय नहीं है। ये हमारी हज़ारों वर्षों की विरासत का सम्मान है। ये भारत का सम्मान है, और ये आपका भी सम्मान है। मैं अमेरिका की सरकार का इसके लिए बहुत आभारी हूं।

https://x.com/narendramodi/status/1837891845273100309?t=jLwQOq8YOzoY0MXUUyg5_g&s=19

साथियों,

भारत और अमेरिका की पार्टनरशिप लगातार मजबूत हो रही है। हमारी पार्टनरशिप, Global Good के लिए है। हम हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। और इसमें आपकी सहूलियत का भी ध्यान है। मैंने पिछले साल ये घोषणा की थी कि सिएटेल में हमारी सरकार एक नया Consulate (कौंसुलेट) खोलेगी। अब ये Consulate (कौंसुलेट) शुरू हो चुका है। मैंने दो और Consulates खोलने के लिए आपके सुझाव मांगे थे। मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि आपके सुझावों के बाद, भारत ने बोस्टन और लॉस एंजल्स में दो नए consulates (कौंसुलेट) खोलने का निर्णय लिया है। मुझे यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन में Thiruvalluvar (थिरुवल्लुवर) Chair of Tamil studies को announce करने की भी खुशी है। इससे महान तमिल संत थिरुवल्लुवर का दर्शन, दुनिया तक पहुंचाने में और मदद मिलेगी।

 

साथियों,

आपका ये आयोजन वाकई शानदार रहा है। यहां जो कल्चरल प्रोग्राम हुआ, वो अद्भुत था। मुझे ये भी बताया गया है कि इस इवेंट के लिए हज़ारों लोग और भी आना चाहते थे। लेकिन वेन्यू छोटा पड़ गया। जिन साथियों से मैं यहां मिल नहीं पाया, उनसे मैं क्षमा चाहता हूं। उन सभी से अगली बार मुलाकात होगी, किसी और दिन, किसी और वेन्यू पर। लेकिन मैं जानता हूं, उत्साह ऐसा ही होगा, जोश ऐसा ही होगा, आप ऐसे ही, स्वस्थ रहें, समृद्ध रहें, भारत-अमेरिका दोस्ती को ऐसे ही मजबूत करते रहें, इसी कामना के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद! मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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