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मानसून की बेरुखी ने बढ़ाई किसानो की चिंता….अब भी 30 प्रतिशत से ज्यादा बोआई शेष… जल्द नही बारिश तो किसान कर सकते है ये काम

बालोद-जिले के किसान इस साल आषाढ़ मास में पानी गिरने से आने वाले दिनों में अच्छी वर्षा की उम्मीद लगाए बैठे थे, पर उनकी उम्मीद धरी की धरी रह गई है। बालोद जिले में खंड वर्षा व अल्प वर्षा के चलते किसान चिंतित व परेशान हो गए हैं। अब तक सिर्फ हल्की फुल्की बारिश हुई है, जिससे खेती-किसानी का कार्य पूरी तरह से पिछड़ चुका है। आषाढ़ माह के 13 दिन बीतने के बाद भी वैसी बारिश नहीं हुई, जिसका इंतजार सबको रहता है।मौसम खुला रहने वह उमस भरी गर्मी का एहसास होने लगा है, जिससे लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 1 लाख 8 हजार 330 हेक्टेयर में धान की बोआई हो चुकी है वही 68 हजार 590 हेक्टेयर रकबे में अभी धान की बोआई नही हो पाई है।मानसून की बेरुखी से किसान चिंतित हैं ।इस साल बारिश का सिस्टम बन जाता है, लेकिन काले मेघ बिना बरसे लौट जाते हैं। रविवार की सुबह हल्की फुल्की बारिश के साथ ही बदली रही।


जिले में 1 लाख 77 हजार 660 हेक्टेयर में धान फसल का लक्ष्य

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने इस साल जिले में 1 लाख 77 हजार हेक्टेयर में धान की बोआई करने का लक्ष्य रखा है। अभी तक कुल 1 लाख 18 हजार 577 हेक्टेयर में धान की बोआई भी पूरी हो चुकी है। वहीं लगभग 27 हजार हेक्टेयर में रोपाई का लक्ष्य है। अभी तक लगभग 6 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई भी हो चुकी है। अभी भी धान की रोपाई जारी है। अगर कृषि की बात करें तो लगभग 61 प्रतिशत धान की बोआई पूरी हो चुकी है।किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इंतजार में आधा आषाढ़ निकलने की ओर है। ऐसे में धान की बोआई में देरी से फसल के विकास व उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। जुलाई में अच्छी बारिश नहीं हुई तो सूखे का खतरा भी हो सकता है। फिलहाल सभी को इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद है।

आषाढ़ आधा निकलने की ओर पर बारिश का पता नहीं

आषाढ़ लगते ही कृषक कृषि कार्य में जुट जाते हैं। खेत के मेढ़ पार व पानी निकलने की मुहाने के सुधार कार्य में लग जाते हैं।आषाढ़ की फुहार पड़ते ही खेतों की जोताई कर धान बोआई थरहा देने का कार्य शुरू हो जाता है। परंतु इस बार आषाढ़ आधा निकलने की ओर है पर बारिश का पता नहीं है। बारिश को लेकर क्षेत्र के किसानों में चिंता बढ़ रही है।पिछले बार आषाढ़ लगते ही कृषक कृषि कार्य भी में जुट गए थे।परंतु इस बार आषाढ़ माह आधा निकलने की ओर है , पर मानसून का अता पता नहीं है।बारिश को लेकर क्षेत्र के किसानों मे चिंता बढ़ गई है। मानसून बारिश के इंतजार में क्षेत्र के कृषक खेतों की जोताई नहीं कर पा रहे है।

 

 

अच्छी बारिश नहीं हुई तो दोबारा बोआई करने की आ सकती है नौबत

किसानों का माने तो कुछ दिनों तक अच्छी बारिश नही हुई तो दोबारा बोआई करने की नौबत आ सकती है।जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होगा।बता दे कि इस बार शुरू में अच्छी बारिश हुई उसके बाद अच्छे से बारिश नही हुई है।कम बारिश के चलते किसानों को खेती कार्य में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जिले के हर तहसील में इस बार औसत से कम बारिश हुई है।कही कम तो कही ज्यादा बारिश हुई है।

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