बालोद छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गुरुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मुड़गहन, यहां के ग्रामीण बीते 4 वर्षो से पानी की समस्या से जूझ रहे है…. कुछ दिनों पहले ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुच पानी की समस्या के निराकरण को लेकर कलेक्टर को आवेदन भी सौपा था… ग्रामीणों की माने तो गांव में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछ चुकी है….और एक सोलर पैनल भी लगा हुआ है….लेकिन वहां से भी पानी नही निकलता…. लेकिन गांव में वाटर लेबल डाउन होने तथा पर्याप्त मात्रा में जो पैनल चार्ज नही होने से नलों में पानी नही पहुंच पाती.साथ ही जो बोर किया गया है, उसे पानी के लेबल तक ज्यादा नही खोदा गया है…. जिसकी वजह से भी पानी कम मात्रा में ही निकल पाता है
ग्रामीण महिलाओ को अपना कामकाज छोड़कर गांव के इस सार्वजनिक नल के सामने घण्टो खड़ा रहना पड़ता है….,टकटकी निगाहों से नल की तरफ देखना पड़ता है, की आखिर कब नल से पानी निकलेगा….. लेकिन यहां से पानी नही निकलने पर गांव से एक किलोमीटर दूर एक किसान के खेत मे लगे बोर से महिलाएं पैदल चलकर पानी लेकर आती है….. और अपनी और अपने परिवार की प्यास बुझाने इस बोर से पानी ले जानी पड़ती है……. ग्रामीणों द्वारा जनदर्शन में पानी की समस्या को लेकर आवेदन तो जरूर सौपा गया, किन्तु अब तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ने यहां गांव में आकर ग्रामीणों की समस्या तक नही सुनी न समझी।
आपको बता दे कि 2019 में जब पूरे देश भर में वाटर लेबल को लेकर सर्वे कराया गया था तो छत्तीसगढ़ का यह गुरुर ब्लॉक रेड जोन पर आया था, 257 जिलो में गुरुर ब्लॉक पूरे देश मे आठवें नम्बर पर था और आज की स्तिथि में यह क्रिटिकल कंडीशन पर है…… अभी वर्तमान में जिला प्रशासन के द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर घर घर अभियान चलाया जा रहा है… पौधे लगाए जा रहे रहे है…. जल से संरक्षण को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता लाई जा रही है…. जिला प्रशासन द्वारा घर घर सोख्ता गड्ढा किये जाने का यह अभियान क्या गुरुर ब्लॉक को क्रिटिकल जोन से बाहर निकाल पाता है….बहरहाल देखना यह होगा कि आखिर ग्राम मुड़गहन के ग्रामीणों की यह पानी की समस्या कब तक दूर हो पाती है…..और गुरुर ब्लाक के मुड़गहन के ग्रामीणों के घरों में लगे नलों में पानी कब तक पहुंच पाती है…