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जिले के सबसे बड़े इस बांध के वेटलैंड में हर रोज मर रही हैं इस बार हजारों मछलियां, गड्ढे में पाटे जा रहे मछलियां.. वाइल्डलाइफ सेक्रेटरी ने जताई चिंता. ईधर डीएफओ बोले

धमतरी (पूनम शुक्ला) छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सबसे बड़े गंगरेल बांध के अंतिम छोर से लगे ग्राम फुटहामुडा के इलाके में पानी के भीतर मछली पालन के लिए लगाए गए केज में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मछलियां मर रही हैं.मछलियां मरने के कारण पानी प्रदूषित हो रहा है और दूसरे जीव जंतु को भी नुकसान पहुंचा रहा है.मछलियां मरने से आसपास के इलाके में भी मछली के दुर्गंध से आस पास गंदगी फैल रही हैं.वही यह पानी को नहरो के माध्यम से रायपुर व भिलाई और धमतरी तक पीने के पानी के लिए सप्लाई की जा रही है…. समय रहते इसे सफाई नहीं किया गया.तो इंसानों में बीमारी फैलने तक का खतरा हो सकता है.वही कुछ हितग्राहियों द्वारा के द्वारा मरी हुई मछलियों को प्लास्टिक के बोरा में भरकर सडाया जा रहा है.और 7 से 8 फीट का गड्ढा खोदकर मरी हुई मछलियों को गड्ढा में पाटा जा रहा है. क्षेत्र में उसी स्थान पर कई गड्ढे को खोदकर उसमे मछली को सडा कर और भी मछलियों को पाटा गया है… और कई गड्ढे को खोद कर रखा गया है.. ताकि और मरी हुई मछलियों को उसमें पाटा जा सके..वही वनमंडलाधिकारी ने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आई है.जल्द ही पानी को टेस्टिंग सैंपल के जांच के लिए भेजा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।


मत्स्य विभाग की सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये का कहना है कि मछली के लिए केज लगाने की अनुमति पूर्व मे मिली थी लेकिन वन विभाग ने इसे बाद में निरस्त कर दिया.जहां मछली का पालन हो रहा है.वहां 20 फीट पानी है .बांध से पानी बाहर निकलने के कारण जलस्तर कम हो गया है.और अचानक गर्मी बढ़ने से पानी में बची हुई मछलियां काफी संख्या में मर रही है.वही प्रदूषण ना हो इसके लिए मरी हुई मछलियों को पानी से बाहर निकाल कर उसे गड्ढा खोदकर पाटा जा रहा है.और यह प्रयास किया जा रहा है कि जो जल मे बची मछलियां है उसे बचाया जा सके।


वही वाइल्ड लाइफ सेक्रेटरी अमर मूलवानी ने कहा कि लगातार कई महीनो से मछलियां हजारों की संख्या में मर रही है..जिसकी वजह से आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है..जिसकी वजह से आसपास प्रवासी पक्षियों का बसेरा था….जो अब खत्म हो चुका है….और मछलियों के मरने से पानी प्रदूषित हो रहा है….इसको लेकर वाइल्डलाइफ द्वारा वन विभाग, मत्स्य विभाग, जिला प्रशासन, को इसकी शिकायत भी की गई है.लेकिन विभागों द्वारा शिकायत पर उस स्थान का निरीक्षण तो किया गया…लेकिन इस पर कोई बड़ी पहल नहीं की गई.जिसके कारण लगातार मछलियां खत्म हो रही है और वेटलैंड के आसपास का एरिया पूरी तरह से प्रदूषित हो रहा है…. वही वाइल्डलाइफ के अमर मूलवानी ने कहा कि उस क्षेत्र का केज सिस्टम को हटाया जाए… और जल्दी इस पर बड़ी कार्यवाही की जाए.और इस क्षेत्र को प्रदूषित होने से और मछलियों को मरने से बचाया जा सकता है अब देखना यहां होगा कि विभाग इस पर कितनी जल्दी कार्य करता है।

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