बालोद शहर में नियमों को ताक पर रखकर अवैध प्लाटिंग धड़ल्ले से जारी है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार अपने पक्के मकान के सपने को साकार करने कम दाम में छोटे भूखंड खरीदने को लेकर प्रॉपर्टी डीलर के चंगुल में फंस रहे हैं। जहां जानकारी के अभाव में प्लाट खरीदार को मकान निर्माण के बाद बुनियादी सुविधाओं को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डीलर जमीन बेचने के दौरान ग्राहक से बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन जमीन के सौदे के बाद बुनियादी सुविधाओं को लेकर पल्ला झाड़ लेते हैं। बीते एक दशक में प्रॉपर्टी डीलरों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने का खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर बालोद नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 02 नयापारा के कृषि जमीन को भूमाफिया द्वारा धडल्ले से अवैध प्लांटिंग करने की तैयारी युध्द स्तर पर की जा रही हैं। नगर सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेचे जा रहे हैं। इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं। नयापारा के कृषि जमीन में अवैध प्लाटिंग का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा हैं। शहर के रसूखदार भू-माफिया द्वारा सारे नियम कायदों को ताक में रख कर एवं कॉलोनाइजर एक्ट के उलंघन कर कृषि जमीन में सीमेंट का पोल लगाकर अवैध प्लांटिंग किया जा रहा हैं।
शहर के भूमाफिया द्वारा शासन के बगैर अनुमति भूमि को कम दामों पर खरीदकर काट रहे प्लांट
भूमाफिया शासन के बगैर अनुमति के नयापारा के कृषि भूमि को कम दाम पर खरीदीकर प्लाट काट रहे हैं। एक ही जमीन को टुकड़ों में काटकर बेचने की तैयारी की जा रही हैं।इसके लिए कृषि जमीन में सीमेंट के खंभे लगाकर प्लांटिंग की जा रही हैं। यह एक तरह से गैर कानूनी कार्य है। बावजूद यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसमें मुख्य रूप से किसानों को लालच देकर उनकी जमीन को कम दामों में खरीदकर प्लाटिंग की जा रही है और अधिक दामों में बिना डायवर्सन के ही बेची जा रही है। अवैध प्लाटिंग का यह गोरखधंधा जोरों से चल रहा है। इससे भूमाफिया करोड़ों रुपए कमा रहे है लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं होती।
आर आई,पटवारियों की भूमिका संदिग्ध
आपको बतादे बालोद जिले के जिला मुख्यालय सहित नयापारा, बघमरा पाररास बायपास बूढ़ापारा,शिकारी पारा, पांडेपारा,आमापारा,सिवनी, झलमला, उमरादाह सहित आसपास में अवैध प्लाटिंग के कारोबारियों पर स्थानीय हल्के के पटवारियों की सांठगांठ के बिना प्लाटिंग संभव नही ऐसे में चोरी छिपे इन अवैध जमीन कारोबारियों को नकल जारी कर न केवल शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे है साथ ही अपने घर बनाने के मंसूबे से प्लाट खरीदने वाले लोगो को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर रहे है
कर रहे दिखावा
सुविधाओं का अभावअवैध प्लाटिंग का धंधा पिछले कई वर्षों से चल रहा है। दलालों के चक्कर में लोग जमीन की खरीदी तो कर लेते हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं मिलती। 10 से 15 फीट की सड़क छोड़ देते हैं और मुरुम बिछा देते हैं। वर्षों तक कॉलोनी के रहवासियों को बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।
प्लांटिंग के लिए नही ली जाती अनुमति
नगर सहित जिले में जितनी भी जमीनों की खरीदी बिक्री हो रही है, उनमें एसडीएम, टाऊन व कंट्री प्लानिंग कार्यालय और नगर पालिका में आवेदन देकर औपचारिकता निभा देते हैं। प्लाटिंग के लिए कहीं से भी कोई अनुमति नहीं मिली है। नगर व आसपास के किसी भी गांव में जमीन प्लाटिंग की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके बेधड़क अवैध प्लाटिंग जारी है। मतलब नाक के नीचे ही अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।
केवल आश्वासन
अवैध प्लाटिंग का खेल शहर के साथ गांवों में भी जारी है। इस पर कार्रवाई के लिए दो विभाग मौजूद है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा। नगरीय क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने नगर पालिका के पास अधिकार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग मतलब एसडीएम कार्यालय कार्रवाई कर सकती है। दोनों विभाग के अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन दिखावे के लिए नोटिस दे दिया जाता है।जिससे भूमाफियों के हौसले बुलंद रहते हैं। जबकि इस पर बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।