बालोद। जिला मुख्यालय धीरे-धीरे जिला कार्यालय एवं जिला स्तरीय विभागों से विहीन होता जा रहा है। बालोद सिर्फ नाम का जिला मुख्यालय बनकर रह जाएगा। वर्तमान में नगर के हृदयस्थल जयस्तंभ चौक के समीप संचालित जिला सत्र एवं व्यवहार न्यायालय का नवीन भवन ग्राम सिवनी की सीमा में स्थित खसरा नंबर 421, रकबा 2.00 हेक्टेयर में बनाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।जिला मुख्यालय में इन दिनों जिला सत्र न्यायालय होने से जयस्तंभ के आस पास लोगो का जमावड़ा रहता है लेकिन जिला सत्र न्यायालय सिवनी में संचालित होगा तो उक्त स्थल में पूरी तरह सुनसान हो जाएगा और इसका असर यहां पर स्थापित छोटे छोटे फुटकर व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वही इस बात को लेकर फुटकर व्यापारियों में भी मायूसी देखी जा रही है।
जिला न्यायालय भवन निर्माण के लिए आरक्षित हो चुका है जमीन
बता दे की संयुक्त जिला कार्यालय भवन निर्माण के कुछ समय पश्चात् ही जिला कलेक्टोरेट के ठीक सामने जिला न्यायालय भवन निर्माण के लिए स्थान आरक्षित किया जा चुका है। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में 40 व्यवहार न्यायालय तथा 10 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना के लिए लगभग 350 से अधिक पदों का सृजन करने के लिए भारी भरकम राशि स्वीकृत की है साथ ही विधि और विधायी कार्य विभाग छग ने जिला में नवीन जिला न्यायालय भवन निर्माण के लिए 15 करोड़ 18 लाख 52 हजार रूपए स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव छग प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को भेजा है।
बालोद सिर्फ नाम का बनकर रह जाएगा जिला मुख्यालय
बता दे की संयुक्त जिला कार्यालय भवन का निर्माण – ग्राम सिवनी में होने से लगभग सभी जिला कार्यालय जिला मुख्यालय से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में चले जाएंगे वहीं समय के साथ जिला रोजगार कार्यालय, जिला परिवहन विभाग तथा धीरे-धीरे अन्य विभाग जिला मुख्यालय के स्थान पर ग्राम सिवनी, पाकुरभाट तथा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होते जा रहे हैं जिसके चलते आगामी कुछ समय पश्चात बालोद सिर्फ नाम का जिला मुख्यालय बनकर रह जाएगा। जिला मुख्यालय के स्थान पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित होने वाले शासकीय जिला कार्यालयों पर किसी का भी कोई ध्यान नहीं है। अधिकांश जिला कार्यालयों का संचालन जिला मुख्यालय से बाहर होने के कारण जिले के दूर-दराज से आने वाले जरुरतमंद लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं जिला मुख्यालय धीरे-धीरे वीरान होता जा रहा है।