केन्द्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर बालोद जिले में साफ तौर पर देखा जा रहा है….स्थानीय चालको ने छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आंदोलन को अपना समर्थन दिया गया हैं….जिससे सभी मालवाहक, यात्री वाहनो के पहिये पूर्ण रूप से थम गए हैं….. वाहने जहां खड़ी है, तो वही ही खड़ी हैं….. हड़ताल का असर धान, चावल एवं खाद परिवहन, सब्जी व अनाज की जिले में बाहर से आवक पर पड़ा हैं…कुछ पेट्रोल पंप बंद तो कही पर पेट्रोल डीजल पहुंचते ही गाड़ियों लंबी कतारें देखने को मिल रही है।
.इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल ट्रक चालक संघ के अध्यक्ष हेमंत निषाद, तोरण लाल देशमुख, कृष्णा यादव,गुहाराम निषाद सहित अन्य ट्रक चालकों का साफ कहना है.हिट &रन मामले में नया कानून चालको के खिलाफ है…इनकी माने तो ज्यादातर दुर्घटना छोटे वाहनों की गलती से होती है..लेकिन मामला बड़े वाहन चालकों के खिलाफ ही बनता है…वही घटना के बाद भीड़ के शिकार भी ट्रक चालकों को होना पड़ता है ..ऐसे में ट्रक चालक को वहां से खुद का जान बचाना भी चुनौतीपूर्ण होता है.. नए कानून में 7 लाख तक जुर्माना और 10 साल की सजा से ट्रक चालक सकते में है…तथा इस कानून को काला कानून का नाम देकर इस कानून को बदलने की मांग पर अड़े है…तथा कानून संशोधन नहीं होने तक इसी तरह आंदोलन जारी रखने की बातो पर अड़े हुए है।
वही इस आंदोलन से पेट्रोल डीजल तथा रसोई गैस सिलेंडर की किल्लत पर खाद्य विभाग के जिला अधिकारी टी आर ठाकुर ने कहा कि जिले में हड़ताल के चलते थोड़ी दिक्कत आम लोगो को हुई है…लेकिन प्रशासनिक तौर पर पेट्रोल पंप संचालकों से समन्वय बनाकर आम लोगो को पेट्रोल उपलब्ध करवाने के दावे किए जा रहे है…
तथा आम लोगो से अपील भी किया जा रहा है कि अति आवश्यक नहीं होने पर एक दो दिन लोग सहयोगात्मक रवैया अपनाए और बहुत ज्यादा जरूरी नहीं होने पर अपने मोटर साइकिल या कार जैसे वाहनों का उपयोग से बचे…तथा 2 से 3 दिनो में हालात पूरी तरह सुधारने के भी दावे करते नजर आए।
आपको बतादे इस आंदोलन के चलते आम लोग भी परेशान होते नजर आ रहे है..महज 2 दिनो में ही लोग पेट्रोल डीजल की किल्लत से परेशान नजर आने लगे है..वही हालात यह बनने लगी है 1 -2 दिन में स्थिति नही सुधरी तो आम लोगो का भी आक्रोश देखने को मिल सकता है…पेट्रोल डीजल की किल्लत से सामान्य कर्मचारी,शिक्षक और बड़े अधिकारियो के भी गाड़ियों के पहिए थम सकते है….बहरहाल देखना होगा ये समस्या आगे कौन सा रूप धारण करती है..तथा इस समस्या से कब तक राहत मिल पाती है