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बालोद जिले के गिधवा के ग्रामीण अड़े अपनी मांगों पर…बोले कोटवार बर्खास्त नही हुआ तो चुनाव बहिष्कार तय…

बालोद-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बालोद जिले में तैयारी जोरों पर हैं। जिला प्रशासन शत प्रतिशत मतदान को लेकर जहां लगातार जागरूकता अभियान चला रहे है वही ग्रामीण इलाको से मिलने वाली शिकायतों को दूर करने लगातार प्रशासनिक अधिकारियो को निर्देशित भी कर रहें है। वही इस बीच जिलें के गिधवा गांव के ग्रामीणों का फरमान प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन रही है प्रशासन के लगातार समझाइस के बाद भी ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े है और  ग्रामीण  चुनाव बहिष्कार के निर्णय पर अड़े हुए है।

ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम के कोटवार टेकराम देवांगन को बर्खास्त किया जाए। पूर्व में ग्राम गिधवा के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पिनकापार थाने पहुंच चुके है वही  ग्रामीणों ने कोटवार टेकराम देवांगन का बर्खास्त नही  होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे चुके है। ग्राम गिधवा के ग्रामीणों ने कोटवार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, विधायक, कलेक्टर,डोंडीलोहारा एसडीएम,तहसीलदार व थाना प्रभारी को ज्ञापन सौप चुके है वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के मांग पर कोई ध्यान नही दिया गया जिससे ग्रामीण आक्रोशित होकर विधानसभा बहिष्कार करने की चेतावनी प्रशासन को दिया है।

बिना अनुमति शासकीय भूमि में लगे पेड़ कटने से शुरू हुआ था विवाद

ग्रामीणों ने बताया कि डोडीलोहारा ब्लाक के ग्राम गिधवा का कोटवार टेकराम देवांगन है। जिनके कार्य से ग्रामीण असंतुष्ट है ग्रामीणों ने कोटवार पर आरोप लगाते हुए बताया कि टेकराम के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर हम ग्रसमवासीयो को गुमराह कर शासकीय योजनाओ के अंतर्गत किसानो से पटवारी संबंधित कार्य खाता विभाजन करवाने एवं सीमाकन करवाने तथा परमाणीकरण करवाने के नाम से पटवारी को पैसा देना है कहकर पैसा लेने का आरोप है तथा गांव की शासकीय भूमि का पेड़ बिना अनुमति के माह जनवरी फरवरी 2022 में काटा गया है जिसमे 7 अर्जुन पेड़ 8 बबुल पेड़ को ठेकादार को बेचा गया तथा बचे हुए ठुट के निशान को छुपाने के लिए कैमिकल डाल कर जलाकर मिटटी मे दबा दिया एवं भुमि खसरा नं. 195 का टुकडे 0.12 हे. लगभग 20 वर्ष पूर्व दाह संस्कार कि प्रकिया कि जाती थी जो कि वर्तमान कोटवार के नियुक्ति के पश्चात नही किया जा रहा है। जबकि इसको टेकराम कोटवार वर्तमान मे मुक्तिधाम के लिए सहमति नही दे रहा है खसरा नं.617-0.85 है। वर्तमान कोटवार के नियुक्ति के पूर्व ग्रामवासीयो द्वारा चारागाह के लिए उपयोग किया जा रहा था जो कि वर्तमान मे कोटवार द्वारा धान फसल ली जा रही है।

कोटवार द्वारा ग्रामीणों के साथ करते हैं अभ्रतापूर्ण व्यवहार

सरपँच विजय कुंजाम, ने बताया कि टेकराम के द्वारा ग्रामवासीयो के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जाता है तथा धमकी दिया जाता है कि तुम्हे जो करना है कर लो मेरा कोई कुछ नही उखाड़ सकता मेरा पहुंच विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक है इसी के चलते गांव में मनमानी किया जा रहा है जिससे ग्रामवासी परेशानी से जुझ रहे है। जिसमे समस्त ग्राम वासी द्वारा इस परेशानी का लेकर 6 बार विधायक 2 बार कलेक्टर 2 बार एसडीएम 2 बार मुख्यमंत्री 4 बार तहसीलदार को दिये थे 24 मई 2022 से कार्यवाही चल रहा है लेकिन अभी तक कोटवार का बर्खास्त नही हुआ है जिसमे तहसीलदार मार्री बंगला देवरी द्वारा गांव वालो का मुह बंद करने के लिए यह बात तहसीलदार द्वारा गांव वालो के समक्ष बोला गया है और कोटवार को निलंबित किया गया जिससे ग्रामवासी असंतुष्ट है। कोटवार को बर्खास्त नही किया जाता है तो ग्रामवासीयो के द्वारा चुनाव बहिष्कार कर आंदोलन करने की चेतावनी शासन प्रशासन को दिया है।

27 अक्तूबर को भी नही बनी बात

पूरे मामले में ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन द्वारा गांव के प्रतिनिधिमंडल को बुलवाया गया था लेकिन प्रशासन के साथ हुई बातचीत से कोई निष्कर्ष नहीं निकला इसलिए ग्रामीणों की मांग आज भी स्थिर है और मामले पर कोटवार के बर्खास्तगी के बाद ही बात बनने की बात कहते हुए चुनाव बहिष्कार की मांग पर अंत तक।डटे रहने की बात कही गई।

 

 

 

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