बालोद/डौंडी (अजय अग्रवाल)। हमेशा से ही रसूखदार उद्योगपति और नेताओं के सांठगांठ बात की बात सामने आती रही है और अपने रसूख के दमपर ये उद्योगपति करोड़ो के विकासकार्य की स्वीकृति भी करा लेते है और अपने ऊंची पहुंच और रसूख के दम पर काम मे भी खुलकर मनमानी करते है लेकिन इनकी पहुंच के चलते ब्लाक और जिला स्तर के अधिकारी इनकी गलतियों को अपने सिर पर बैठाकर रखते है मामले पर ग्रामीणों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि अगर शिकायत कर भी देते तो इसका अधिकारियों पर कोई असर नही होता कुछ ऐसा ही हाल फिलहाल बालोद जिले में है । जहां पर कवर्धा जिले का एक ठेकेदार जो कि एनएच के अलावा जिले के अन्य ग्रामीण इलाकों में भी सड़क निर्माण का कार्य ठेके पर लिया हुआ है लेकिन इस काम मे सरकारी तंत्र का खुलकर दुरुपयोग इस ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस दुरुपयोग की शिकायत जिले के आला अधिकारियों तक किये जाने के बाद भी अधिकारी मामले पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे है जिससे ये साफ है कि ठेकेदार कि रसूख के सामने अधिकारी की सीमा भी कम पड़ने लगी है ।
आपको बतादे विकासखंड डौंडी से घोटिया आदमाबाद सड़क निर्माण का कार्य कवर्धा जिले के मेसर्स कन्हैया अग्रवाल नामक फर्म के द्वारा किया जा रहा है । इस सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार, बेतरतीब तरीके से और गुणवत्ताहीन नाली निर्माण, निम्न स्तर के डामरीकरण करने की शिकायतों के बाद अब ग्राम पटेली में खनिज न्यास निधि से बने मिनी स्टेडियम की बाउंड्रीवॉल को तोड़कर स्टेडियम पर ही अपना कब्जा जमा लिया गया है।
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मामले में जानकारी ली गई तो हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिस मैदान पर ठेकेदार का कब्जा है उसमें कुछ साल पहले ही 20 लाख की लागत से उक्त स्टेडियम में बने तीन कमरों के भवन और मैदान समतलीकरण का कार्य किया गया था । लेकिन सड़क ठेकेदार।द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच, तात्कालिक सचिव और कुछ जनप्रतिनिधियों को झांसा देकर पंचायत प्रस्ताव बनवाकर, अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करवाकर पिछले लगभग डेढ़ साल से कब्जा कर मिक्सर प्लांट लगा दिए जाने का मामला सामने आया है ।
गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खेलों को बढ़ावा देते हुए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए खेल मैदानों सहित स्टेडियमों का निर्माण करवाया जा रहा है और वहीं डौंडी ब्लॉक के ग्राम पटेली में उक्त सड़क निर्माण के ठेकेदार के कर्मियों ने गांव के कुछ प्रमुखों को गांव के स्कूल के पास के मैदान में मिट्टी डालकर बराबर करने और अन्य कुछ छोटे छोटे कार्य करवाने के एवज में शासकीय राशि से बने मिनी स्टेडियम को प्लांट लगाने के लिए बहला फुसलाकर एक साल के मांग लिया, जिस पर सरपंच और तात्कालिक सचिव ने गांव वालो की सहमति से प्रस्ताव पारित कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया । जिसके कारण ग्राम पटेली सहित आसपास के गांवों के बच्चे और खिलाड़ी एक स्टेडियम में खेलने और अभ्यास करने से वंचित हो गए ।
मिनी स्टेडियम के मैदान के साथ साथ ठेकेदार के कर्मियों ने मिनी स्टेडियम की बाउंड्रीवाल को तोड़ कर, बने हुए तीन कमरों को स्टोर रूम बना लिया साथ ही स्टेडियम के मैदान को रेती गिट्टी और अन्य मटेरियल को जहां तहां रखकर पूरे समतल मैदान को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया । प्लांट से निकले वेस्ट मटेरियल, सीमेंट मिले पानी और अन्य निर्माण सामग्री से खेल मैदान की कई जगहों की जमीन ठोस हो गई है, जिसमे भविष्य में खेलते हुए और अभ्यास करते हुए खिलाड़ियों और बच्चों के चोटिल होने की पूरी संभावना है साथ ही जिस खेल मैदान को मिट्टी डालकर पाटने की बात कहकर मिनी स्टेडियम पर प्लांट लगाया गया था उस मैदान में भी अभी तक पूरी मिट्टी नही डाली गई है ।
(मौखिक समझौता, लिखित में कुछ भी नही)
ग्राम पटेली के पूर्व सरपंच एवं सरपंच पति परमेश्वर रावटे ने बताया कि गांव वालों के कहने पर प्लांट लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसके लिए पंचायत प्रस्ताव भी किया गया था किंतु काम पूरा होने के बाद बाउंड्री वॉल को ठीक करने, भवन की पुताई सहित रिपेयरिंग और मैदान के समतलीकरण के लिए ठेकेदार के सुपरवाइजर ने बी आर साहू ने मौखिक सहमति दी थी लेकिन लिखित में कुछ भी नही दिया था । इस संबंध में बी आर साहू से बात करने पर कहा कि मीडिया को इसके बारे में कोई भी सवाल करने का अधिकार नहीं है ये हमारा और पंचायत का मामला है ।
वहीं मामले को तुल पकड़ता देख अब सरपंच, सचिव और ग्रामीणों को भी लगने लगा है कि शासन के लाखों रुपए खर्च कर बनवाए गए मिनी स्टेडियम में प्लांट लगाने के लिए लिखित में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर और काम समाप्त होने के बाद सभी कार्यों को सुधार करवाने के लिए लिखित एग्रीमेंट नही करवा कर बहुत बड़ी गलती कर दी है । जल्द ही ग्राम की बैठक कर मिनी स्टेडियम को खाली करवाने के लिए प्रस्ताव पारित कर संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किए जाने की बात अब गांव के जनप्रतिनिधियों के द्वारा कही जा रही है ।
उल्लेखनीय है कि बालोद जिले के आदिवासी विकासखंड डौंडी का वनांचल क्षेत्र वाला ग्राम पटेली छत्तीसगढ़ सरकार की महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस मिनी स्टेडियम के दुरुपयोग के संबंध में मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि मिनी स्टेडियम को ठेकेदार को देना उचित तो नहीं है, इस बारे में ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों से चर्चा करूंगी कि ऐसी क्या परेशानी थी कि शासन के द्वारा निर्मित मिनी स्टेडियम ठेकेदार को देने की जरूरत पड़ गई । नियमानुसार उनको नही देना चाहिए था ।
वहीं इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि द्वारा ज़िलाधीश से भी संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन काल रिसीव किये जाने से आगे संपर्क नही किया गया।