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बालोद-भगवान शिव की उपासना को हर घर तक पहुंचाने का माध्यम बने सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से जुगेरा के रानीतराई मैदान में 28 अगस्त से 01 सितंबर तक शिव पुराण कथा का आयोजन किया गया है । गुरुवार को कथा को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं जिसके लिए जुगेरा के रानीतराई मैदान में जेबीसी मशीन से समतलीकरण कार्य के साथ ही शिवमहापुराण कथा स्थल पहुंचने के मार्गों पर साफ सफाई की जा रही हैं।माँ शीतला मन्दिर समिति बालोद के पदाधिकारियों ने गुरुवार को रानीतराई मैदान में भूमिपूजन कर समतलीकरण कार्य का शुभारंभ किया गया।इस दौरान समतलीकरण का कार्य शुभारंभ होते ही भोलेनाथ के अति प्रिय भक्त नाग साँप का दर्शन हुआ।इस दौरान आयोजक समिति के सदस्यों को जैसे ही साँप के दर्शन हुए भगवान भोलेनाथ की जयकारे लगाए और श्री शिवायः नमस्तुभ्यं जाप करते नजर आए।
कथा स्थल रानीतराई के मैदान में समतलीकरण कार्य के दौरान भोलेनाथ के अति प्रिय नाग साँप के हुए दर्शन
माँ शीतला मंदिर समिति व बालोद वासियों के नेतृत्व में होने वाली पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन28 अगस्त से 01 सितंबर तक रानीतराई जुगेरा मैदान में किया जा रहा है।जिसके तहत जुगेरा रानीतराई मैदान में समतलीकरण का कार्य शुभारंभ होते ही भोलेनाथ के अति प्रिय भक्त नाग साँप का दर्शन हुआ। नाग साँप इधर उधर धूमते रहे ।इस दौरान आयोजक समिति के भगवती मोहित साहू,अन्नपूर्णा रवि श्रीवास्तव व अन्य सदस्यों को जैसे ही नाग साँप के दर्शन हुए भगवान भोलेनाथ की जयकारे लगाए और श्री शिवायः नमस्तुभ्यं जाप करते नजर आए।वही उपस्थित लोगों का कहना है कि भोलेनाथ ने अपने प्रिय भक्त नाग साँप को शिव पुराण कथा स्थल का जायजा लेने के लिए भेजे हैं। कथा स्थल में साक्षात नाग साँप का दर्शन पाकर आयोजन समिति के सदस्यों ने अपने आप को धन्य मान रहे है।
कथा स्थल में 3 लाख 15 हजार स्क्वेयर फिट में लगेगा तीन बड़े बड़े डोम शामियाना
जानकारी के अनुसार शिव महापुराण कथा 28 अगस्त से किया जा रहा है जो की श्रावण मास भी है तथा बारिश की संभावना भी है ऐसे में दूर दूर से महराज की कथा सुनने पहुंचने वाले भक्तो के बैठने के लिए 3 लाख 15 हजार स्क्वेयर फिट क्षेत्र में 3 बड़े बड़े डोम शामियाना के अलावा और भी वाटर प्रूफ शामियाना लगाए जायेंगे । कथा स्थल में आने वाले भक्तों के लिए अलग अलग चार प्रवेश द्वार बनाया जाएगा।वही पंडित जी के लिए अलग से प्रेवश द्वार बनाया जिसमे आम लोगो के लिए प्रवेश वर्जित रहेगा। बड़े आयोजन होने से जहां आयोजन के लागत में भी बढ़ोतरी हुई है वही इस दौरान अभी प्राथमिक चरण में ही लोगो को जानकारी मिलने के बाद अब लोग स्वत: सहयोग के लिए आगे आने लगे है।