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एक समूह ऐसा भी जो पशु पक्षियों के साथ गौवंश की करते है चिंता.. उद्देश्य बेजुबानों के प्रति दया..गर्मी देख समूह के पहल से शहर में कई जगह रख रहे है कोटना

बालोद- गर्मी आते ही हमारे साथ ही पशु पक्षियों को भी पानी की आवश्यकता अधिक होने लगती है। हम तो पानी एकत्रित करके रख लेते हैं लेकिन पशु पक्षियों को पानी की तलाश करना पड़ता है। अगर छोटा सा प्रयास कर अपने घर के आस-पास पेड़ों में पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं तो हर साल प्यास से मरने वाले पशु पक्षियों की संख्या में कमी आ जाएगी। इसी उद्देश्य के साथ बालोद के गौरक्षा अभियान समूह के युवाओं ने अभियान शुरू किया है। मवेशियों के प्यास की चिंता करते हुए मवेशियों के पानी के लिए जगह-जगह कोटना रख रहे हैं। शहर के गौरक्षा अभियान समूह के लोग बेजुबानों के भूख-प्यास की चिंता करते हुए अभियान चला रहे हैं। इसके तहत युवाओं द्वारा शहर के कई इलाकों में कोटना रख रहे हैं। लगभग एक हफ्ते से युवाओं का यह पहल जारी है। गर्मी के दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ये देखा जाता है कि लोगों को पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए हर चौक-चौराहों पर पेयजल की व्यवस्था के लिए जगह जगह पियाऊ घर खोल दिया जाता है।इससे यहां राहगीरों को पानी के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ता। वहीं पशुओं को शहरी इलाकों में अक्सर अपनी प्यास बुझाने के लिए कई बार इधर उधर भटकते देखा जाता है और कभी कभी इन पशुओं को पानी नहीं मिलने से प्यास से इनकी मौत भी हो जाती है। इसी क्रम में ऐसी ही पानी के लिए भटकती गाय को देख शहर के ग़ैरक्षा अभियान समूह ने पूरे शहर के विभिन्न इलाकों में पानी का कोटना रखा हैं।

गौरक्षा अभियान समूह से जुड़े युवाओं का कहना है कि पक्षी और जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए परेशान रहते हैं। इंसान तो भूख-प्यास लगने पर किसी से मांग सकता है लेकिन जानवर ऐसा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में हम इंसानों को ही उनकी तकलीफ समझने की जरूरत है। इस उद्देश्य के साथ ही ग़ैरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मकसद हम सिर्फ युवाओं द्वारा ही कोटना रखना ही नहीं है, बल्कि इसके जरिए हम लोगों में जानवरों के प्रति दया की भावना पैदा करना चाहते हैं।इस अभियान में नरेंद्र जोशी,अजय यादव,शुभम साहू,विशाल माधवानी,आशीष यादव,धर्मेंद्र आहूजा,विवेक पाटीदार सहित अन्य शामिल है

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