सात सूत्रीय मांगे
सात सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से 25 अप्रैल 2022 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओ को ग्रेच्युटी पाने का अधिकार जो सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, उसका डी. ओ. आर्डर जारी कर संबंधित व्यक्ति को जल्द लाभ दिया जायें ।भारत सरकार 45वें और 46वें श्रम सम्मेलन के फैसले को लागू करें। हमें न्यूनतम वेतन दिया जाये ।कुपोषण मुक्त भारत बनाने हेतु ई.सी.डी.एस का विभागीयकरण किया जाये और पर्याप्त फंड आबंटन किया जाये ।विगत 8 वर्षों से तो हर साल कटौती चल रही है।हर आंगनबाड़ी केन्द्र में ईंधन के रूप में गैस सिलेंडर सरकारी तौर पर हम माह सप्लाई किया जाये।
बुढ़ापा गुजर बसर हेतु 10 हजार मासिक पेंशन दें अथवा 5/3 लाख रूपया एकमुश्त सेवानिवृत्ति पर विदाई के समय दिया जाए। सहायिका से कार्यकर्ता बनाते समय, कार्यकर्ता से सुपरवाइजर बनाते समय उम्र का कोई बंधन / सीमा न हो आंगनवाड़ी आई.सी.डी.एस. का किसी प्रकार का निजीकरण न हो।धरना प्रदर्शन में सगीता महंत,उतरा देवदास,दुर्पत साहू,रम्भा पवार,धनेश्वरी साहू,झमिन बाई,राधिका ठाकुर, सरिता देवांगन, लीना गायकवाड़,शीत बाई,भानुकिरण,हेमलता साहू सहित बड़ी सँख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका शामिल रहे।