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*वीडियो:- वन विभाग समिति प्रबंधक की भर्ती में अनियमितता का आरोप, विभाग के कुछ जिम्मदारों पर भी गंभीर लगा, जिला से लेकर प्रदेश तक शिकायत की तैयारी…देखे पूरी खबर*

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बालोद, बालोद जिला वनोपज सहकारी संघ एक बार फिर भर्तियों को लेकर न केवल सुर्खियों में है। बल्कि उस पर नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप है। इन दिनों जिले के पांच प्राथमिक सहकारी समिति के रिक्त प्रबंधक के पद पर भर्ती चल रही हैं। जिसमें समिति अध्यक्ष सहित कुछ दावेदारों ने अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से करते हुए जांच व भर्ती निरस्त की मांग की है।

 

बता दें कि जिले की टेकापार, गुरुर, कुसुमकसा, पिपरखार और कुंआगोंदी प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक पद पर भर्ती विवादों में घिर कर रह गई हैं। विज्ञापन जारी होने के चार माह बाद भी पारदर्शी तरीके से भर्ती नहीं हो पाई। लगातार आ रही शिकायतों पर ठोस कार्रवाई भी न होने से गड़बड़ी पर विराम नहीं लग पाया है। जिससे बालोद जिले का वन मंडल सुर्खियों में है।

 

आरोप है कि समिति प्रबंधक भर्ती गलत तरीके से की जा रही है। कुछ समिति के अध्यक्ष एवं चयन समिति के सदस्यों ने यह सवाल उठाते हुए बताया है कि चयन सूची में दबाव डालकर बैक डेट में हस्ताक्षर कराया गया है। वहीं भर्ती में शामिल कुछ आवेदको ने चौंकानें वाले सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

उनका कहना है कि उनसे कम नंबर पाने वाले की भर्ती कर दी गई है। भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। आरोप है कि प्रबंधक पद की बड़े स्तर पर सौदेबाजी हुई, पांच-पांच लाख रुपये में पद बेची गईं है। इस प्रकार भर्ती प्रक्रिया में कई गलतियां सामने आई हैं।

चयनित एवं प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों की सूची में नियुक्ति हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता का प्राप्तांक या प्रतिशत का उल्लेख नही किया गया है। तो वही पांच में से चार समितियों के लिए प्राप्तांक प्रतिशत के साथ पात्र अभ्यर्थियों की वरीयता सूची को गोपनीय रखा जाना कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।

जबकि टेकापार सहकारी समिति के लिए बाकायदा प्राप्तांक प्रतिशत के साथ वरीयता सूची जारी की गई है। आवेदक आदि ने कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर निष्पक्ष जांच करा कर नए सिरे से भर्ती कराने की मांग की है। इस तरह की शिकायतों के आम होने से चयनित अभ्यर्थियों में हड़कंप मचा हुआ है। बहरहाल पूरे मामले पर आगे क्या कार्यवाही होती है यह देखने वाली बात है ।

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