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*Breaking: ग्राम करहीभदर के पटेल चुनाव में कांग्रेस नेता लिलेश्वर साहू ने वर्तमान सरपँच लीलाराम को 3 वोट से हराया, गांव में जश्न का माहौल…पढ़े पूरी खबर*

 

बालोद- जिले के सबसे बड़े ग्राम करहीभदर पटवारी हल्का न. 24 से आज हुए पटेल चुनाव में कांग्रेस समर्थित लिलेश्वर साहू ने सरपँच लीलाराम दड़सेना को 3 वोट से हराकर जीत हासिल की है। लिलेश्वर साहू को 170 और लीलाराम दड़सेना को 167 वोट मिले। वही लिलेश्वर के ग्राम पटेल से बनने से ग्रामवासियों में भारी खुशी देखी जा रही है। ग्रामवासियों ने गाजे बाजे के साथ गांव के मुख्य मार्ग में रैली निकाल खूब पटाखे भी फोड़े। उल्लेखनीय हो कि भारत ग्रामों का देश है और देश की 77 प्रतिशत जनसंख्या इन्हीं ग्रामों में निवास करती है। इन ग्रामों की व्यवस्था में लगान वसूली एवं पटेल का विशेष योगदान रहता है। ब्रिटिश राज से लेकर आज तक ग्राम पटेल लगान वसूली शासन की तरफ से करते आ रहे है। ग्राम व्यवस्था से लेकर चुनाव के विभिन्न कार्यों में पटेल अपनी जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाता है देश की आजादी के लगभग 76 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी पटेलों के प्रति शासन द्वारा मानदेय राशि नहीं दिया गया है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के ग्राम के पटेलों के पारिश्रमिक कमीशन 36 रुपये के बाद 100 रुपये प्रतिवर्ष दिया जा रहा था। दो जुलाई 2003 को ग्राम पटेल संघ छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्व में सरकार को और राजस्व मंत्री को मांग करने पर राज्य पारिश्रमिक कमीशन प्रति वर्ष 500 रुपये दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। छग शासन द्वारा पटेल संघ की मांग को स्वीकार करते हुए 1000 प्रतिवर्ष कमीशन की स्वीकृति प्रदान की गई। वर्तमान में 2000 रुपये कमीशन मिल रहा है। संदर्भित तथ्य यह है कि ग्राम पटेल की नियुक्ति शासन के नियमानुसार आदेश जारी से की जाती थी एवं भू – राजस्व की वसूली तथा शासकीय अधिकारियों को सहयोग करने का कार्य पटेल द्वारा किया जाता है। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निर्वाह कर रहे पटेलों की आर्थिक स्थिति के बारे में सरकार ने नहीं सोचा जबकि निकटवर्ती महाराष्ट्र प्रदेश में पटेलों को 8 हजार रुपये मासिक दिया जा रहा है। शासन से मांग की है कि इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उसे पूर्ण करे। पटेल संघ की मांगों में भू-राजस्व की वसूली का संपादन के अन्य विकास कार्य सुरक्षा व्यवस्था प्रबंध करना तथा सभी प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों को सहयोग करना, ग्राम पटेल का कर्तव्य माना गया है जिसे पटेलगण परम्परागत रूप से निर्वाह करते आये हैं इस संदर्भ में प्रशासन द्वारा पंचायत एवं सरपंच तथा जनपद अध्यक्षो को मानदेय दिया जाता है। इसी प्रकार बस्तर संभाग छग के समस्त ग्राम पटेलगण को मानदेय 5 हजार रुपये मासिक दिया जाए, पंचायत राज व्यवस्था में स्थायी सदस्य व ग्रामसभा के अध्यक्ष घोषित किये जाए, निर्माण कार्यों में निगरानी समिति का अध्यक्ष भी घोषित किया जाए, भू – राजस्व के मामले में ग्राम पटेल का पूर्ण सहयोग लिया जाए व इससे संबंधित सरकारी दस्तावेज सरपंच की जगह पटेल को दिया जाए, छग शासन ने कोतवालों को जिस ग्राम पुलिस अधिकारी का दर्जा देने की घोषणा की है, इसी तरह की व्यवस्था पटेल पद भी की जावे साथ ही कोतवालों की तरह गणवेश की व्यवस्था भी की जाए। ग्राम पटेल की नियुक्ति वंशागत अनुकम्पा की जाए जो पूर्व से चलती आ रही है। पटेल पद आज भी सेवा कार्य में संलग्न है, इस मांग पत्र पर गंभीरता पूर्वक विचार कर समस्या की दिशा में आवश्यक निर्देश देने की कृपा करेंगे।

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