बालोद-तीन जिलों की प्यास बुझाने वाली तांदुला जलाश्य से लगे ग्राम औराभाटा के लोगो को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा हैं। जिला मुख्यालय के सिवनी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम औराभाठा में पिछले 15 दिनों से भूजल स्तर तेजी से गिरने लगा है। भूजल स्तर कम होने की वजह से पेयजल और निस्तारी की समस्या होने लगी हैं। एक बोर सुख गया हैं वही दूसरी बोर में ग्रामीणों को केवल 10 मिनट तक पानी मिल पाता हैं और कई धरो तक पानी नही पहुच रहा है।
शोपीस बनकर रह गया हैं पानी टँकी
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम औराभाठा के लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे है। यहां नल-जल योजना की पाइपलाइन अब तक नहीं पहुंची. वहीं हैंडपंप खुद प्यासे हैं। वैसे सरकारी आंकड़ों में यहां 4 हैंडपंप और 2 बोर हैं. लेकिन यहां सिर्फ 1 हैंडपंप ही काम कर रहा है. वहीं बाकी हैंड पंप या तो खराब पड़े हैं या उनसे पानी नहीं निकलता। गांव में दो बोर हैं लेकिन भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण एक बोर बंद हो गया उसमे एक भी बूंद पानी नही निकलता वही दूसरी बोर को क्रेडा विभाग द्वारा 5-5 हजार लीटर का दो टँकी लगाया गया हैं जो बोर से कम पानी आने से टँकी को भरने में 5 धंटे से अधिक समय लगता हैं।इसी पानी टँकी से ग्रामीणों को पानी दिया जाता जो 10 मिनट में ही पानी खत्म हो जाता हैं।ग्रामीणों को पेयजल के लिए केवल एक ही हैंडपंप के भरोसे रहना पड़ रहा हैं।
तांदुला जलाशय के पास में बसे होने के बावजूद प्यासा हैं औराभाठा
तांदुला जलाशय के पास में होने के बावजूद ग्राम औराभाठा प्यासा है।तीन जिलों की जीवनदायनी कहे जाने वाली तांदुला जलाशय की तराई में बसे औराभाठा के ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक हैंड पंप के सहारे सैंकड़ो परिवार निस्तारी करते है। हैंडपंप में लोग लाइन लगाकर अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हैं। क्रेडा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा के माध्यम से दो टँकी लगाया गया हैं । भूजल स्तर कम होने के कारण टँकी को भरने में 5 धंटे से अधिक समय लगता हैं।ग्रामीणों द्वारा नल से पानी भरने से 10 मिनट में ही खत्म हो जाता हैं। अभी गर्मी की शुरुवात हैं ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए चिंता सताने लगी है।
एक हैंडपंप के भरोसे औराभाठा के ग्रामीण
सरकार की महत्वकांक्षी नल-जल योजना का बालोद जिले में बुरा हाल है। लंबे समय से कई गांवों में पानी नहीं पहुंचा है. ग्रामीण हैंडपंप के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या से जूझना पड़ता है. ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यानाकर्षण करवाया चुके हैं, लेकिन इस ओर अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है. पानी की विकराल समस्या होने पर ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करना पड़ता
हैंडपंप से प्लास्टिक के डिब्बे में पानी भरकर सायकल से ले जाते है ग्रामीण
भूजल स्तर नीचे होने की वजह से अभी से चिंता होने लगी है। गर्मी बढ़ते ही अब गांवों में पेयजल की समस्या आने लगी है। कहीं टेपनल की धार पतली हो चली है, तो कहीं नलों में पानी ही नहीं आ रहा है। समय पर पानी नहीं मिलने से ग्रामीणों की समस्या काफी बढ़ गई हैं। अभी से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या विकराल होती जा रही हैं। गांव में पानी टंकी और हैंडपंप शो पीस बनकर रह गए है। ग्रामीण हैंडपंप से प्लास्टिक के डिब्बे में पानी भरकर सायकल में बांधकर ले जाते हैं। जल संकट को दूर करने को लेकर प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
“औराभाठा में पिछले 15 दिनों से पेयजल की विकराल समस्या होने लगी हैं।गांव का जल स्तर पूरी तरह से गिर गया हैं।एक बोर गांव वालों का जीवनदायिनी था लेकिन भूजल स्तर गिरने से बोर बंद हो गया हैं।दूसरी बोर से केवल 10 मिनट तक ग्रामीणों को पानी मिलता हैं।कई धरो में पानी अभी भी नही पहुच रही हैं— दानेश्वर सिन्हा सरपँच ग्राम पंचायत सिवनी“