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पिछले साल जहां लक्ष्य 5 लाख में रुक गया वही अब इस राखी में 25 लाख के राखी बेचने का बनाया टारगेट…एक साल में आखिर ऐसा क्या हुआ महिलाओं ने 5 गुना अधिक लक्ष्य को कर रही पूरा

बालोद- बालोद जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ रेणुका श्रीवास्तव के सतत प्रयास से आपदा को अवसर में बदलने की ताकत बालोद जिले की महिलाओं ने दिखाई है। इस साल रक्षाबंधन के पवन त्यौहार के लिए समूह की महिलाएं स्थानीय स्तर पर राखियों की आपूर्ति कर रही हैं। इन राखियों में छत्तीसगढ़ की माटी की महक तो है ही साथ ही दर्जनों महिलाओं को घर बैठे काम भी मिला है।जिले के 13 स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भाईयों के लिए धान, सब्जी,बीज एव बास आदि स्थानीय उपलब्ध सामग्रियों राखियां बना रही हैं। जिले में राखियो की विक्रय करने के लिए शासकीय कार्यलयों,जनपद पंचायतों, जिला कार्यलय सहित स्थानीय हाट बाजारों में स्टाल लगाकर बेचने की तैयारी जा रहा है।

बालोद बंधन के ब्रांड से बेची जा रही हैं राखियां

महंगी चाइनीज, फैंसी राखियों के स्थान पर यह देसी राखियां सस्ती: महंगी चाइनीज फैंसी राखियों की जगह कलेक्टर जनमेजय महोबे की पहल पर बिहान समूह की महिलाएं उपलब्ध स्थानीय सामग्री जैसे धान की बालियां, बांस और सब्जी बीज से राखियां बना रही है।इन राखियो को बालोद बंधन का नाम दिया गया हैं।जिसे आकर्षक पेकिंग के साथ विक्रय किया जा रहा हैं, जिले में मुख्यता गुंडरदेही, डोंडी, बालोद विकासखंड लगभग 13 समूह के 35 महिलाएं जिसमे जय माँ पहाड़ोवाली समूह ग्राम कुमुड़कट्टा ,जय माँ काली समूह ग्राम सांकरौद ,जागृति महिला समूह ग्राम खुटेरी की महिलाएं कुसुमलता साहू,हेमलता,ज्योति,गुलनाज सहित अन्य महिलाएं द्वारा आकर्षक राखियां तैयार किया गया हैं।इन राखियो की कीमत बाजार में उपलब्ध अन्य फैंसी रखिए की तुलना में बहुत ही कम दर पर विक्रय किया जा रहा हैं, इन राखियो को अधिकतम 10 रुपये एव 40 रुपये की दर से विक्रय किया जा रहा हैं।


अन्य जिलों से आ रही हैं राखियो की मांग

धान, सब्जी,बीज आदि से बने इन आकर्षक राखियो को बालोद जिले के साथ ही अन्य जिलों के लोगो द्वारा बेहद पंसद किया जा रहा हैं, इसके साथ ही रायपुर सहित अन्य जिलों से भी इन राखियो की मांग हैं।अभी तक 10 लाख रुपये की राखियों का विक्रय किया जा चुका है। कलेक्टर के निर्देशानुसार स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की विक्रय के लिए बालोद बाजार के मार्कटिग टीम द्वारा जिले व जिले के बाहर सभी छोटे बड़े व्यपारियो तक पहुँचाया जा रहा है।

शासकीय कार्यलयों व हॉटबजारो में स्टाल लगाकर बेची जाएगी राखियां

 

सहायक परियोजना अधिकारी नितेश साहू ने बताया कि राखियो को विक्रय करने के लिए विभिन्न शासकीय कार्यलयों,जनपद पंचायत,जिला कार्यलय सहित विभिन्न स्थानीय हाटबाजारों में स्टाल लगाकर राखियो का विक्रय किया जाएगा।।उन्होंने बताया कि कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा  20 जुलाई को जनपद सभा कक्ष डोंडी में राखी निर्माण का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं से मिलकर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।पिछले वर्ष भी बहुत कम समय मे लगभग 5 हजार के राखियो का विक्रय किया गया था।

इस वर्ष भी अभी राखियों की त्योहार में 21 दिन बचा है।इस वर्ष 25 लाख रुपये के रखियो का विक्रय करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले के विभिन्न ग्रामो में मोबाइल के माध्यम से राखियो का विक्रय किया जा रहा हैं।इसके निर्माण एवं विक्रय की सारी तैयारियाँ करा ली गई है। जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि इस वर्ष स्व-सहायता समूह के महिलाओं द्वारा निर्मित पर्यावरण के अनुकूल बालोद बंधन के राखियों का क्रय कर इनके आय के स्त्रोत का साधन बने।

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