बालोद।किसानों को इस वर्ष 14 नवंबर तक अपने उपज को सहेजकर रखना पड़ेगा। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 15 नवंबर से धान खरीदी की तैयारी की जा रही है। वही इस बार जिले में 122 समितियों के 143 धान खरीदी केंद्रों जिले में अभी तक समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए कुल 1 लाख 49 हजार 866 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिसमे 3278 नए किसान शामिल है। चिंता राम रावटे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक नोडल अधिकारी ने बताया कि अभी तक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में धान खरीदी को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। फिर भी जिले के धान खरीदी केंद्रों में तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि बीते दिनों राज्य सरकार ने धान खरीदी 15 नवंबर को शुरू करने पर योजना बनाई है।
जिले के धान खरीदी केंद्रों में भी उगी झाडिय़ों की साफ-सफाई भी शुरू कर दी गई है क्योंकि अभी त्यौहारी सीजन है। ऐसे में धान खरीदी नजदीक आते ही काम करने में जल्दबाजी होती है। वहीं इस बार भी जिले में 122 समितियों के 143 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी की जाएगी। हालांकि 8 नए धान खरीदी केंद्र खोलने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन शासन स्तर पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।जिले में अभी तक समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए कुल 1 लाख 49 हजार 866 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिसमे 3278 नए किसान शामिल है। ये नए किसान पहली बार समर्थन मूल्य पर धान बेचेंगे।
धान खरीदी केंद्रों में भी उगी झाडिय़ों की साफ-सफाई भी शुरू कर दी गई है क्योंकि अभी त्यौहारी सीजन है। ऐसे में धान खरीदी नजदीक आते ही काम करने में जल्दबाजी होती है।प्रदेश सरकार ने दीपावली के बाद धान खरीदी का निर्णय लिया है। बीते दिनों हुई बैठक में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा था कि सरकार 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदेगी। इसके लिए सभी धान खरीदी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन का उपयोग होगा। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला राज्य मंत्री परिषद की बैठक में लिया जाएगा।देखा जाए तो इस साल धान की फसल काफी अच्छी है। धान की फसलों को देख किसान भी काफी खुश हैं। जिस प्रकार जिले में धान की फसलों की स्थिति है, उससे यही लग रहा है कि इस बार जिले में रिकॉर्ड धान की आवक धान खरीदी केंद्रों में होगी क्योंकि जिले भर में धान की अच्छी पैदावारी हुई है।जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुताबिक जिले भर में 8 नए धान खरीदी केंद्र खोलने किसानों की मांग पर प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। लेकिन अभी शासन से कोई अनुमति नहीं मिली है।