बालोद। शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने पूर्व की काग्रेस के सरकार ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम स्कूल संचालित किया है, ताकि हर तबके के बच्चे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ सकें, लेकिन बालोद जिले में संचालित अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्वामी आत्मानन्द स्कूलों की व्यवस्था अब धीरे धीरे चरमराने लगी है। अन्य आकस्मिक मद् में शासन से अब तक राशि नहीं मिलने के कारण त्रैमासिक व अर्द्धवार्षिक परीक्षा का व्यय किस मद् से किया जाएगा इस बात को लेकर प्राचार्यों में असमंजस की स्थिति है क्योंकि परीक्षा के लिए बच्चों से भी फीस नहीं ली जा सकती। इसी तरह जिले के आत्मानंद स्कूलों में लगभग 150 संविदा शिक्षकों के पद रिक्त हैं जिसकी पूर्ति के लिए शासन स्तर से कोई दिशा निर्देश शिक्षा विभाग को नहीं मिलने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
कांग्रेस शासनकाल में प्रारंभ किया था आत्मानंद स्कूल
बता दे कि कांग्रेस शासनकाल में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने सभी जिले व ब्लाक मुख्यालयों में स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ किया गया जिसमें प्रारम्भिक चरण में अंग्रेजी माध्यम व दूसरे चरण में हिन्दी माध्यम स्वामी आत्मानन्द स्कूल प्राथमिक से हायर सेकण्डरी स्तर पर शुरू किया गया जिसका संचालन कलेक्टर के माध्यम से किया गया व प्रत्येक सत्र में अन्य आकस्मिक मद् की राशि समय पर स्कूलों को उपलब्ध कराया गया साथ ही सत्र के प्रारंभ में ही संविदा रिक्त पदों की पूर्ति के लिए भर्ती की गई परन्तु वर्तमान समय में प्रदेश में भाजपा की सरकार है अन्य आकस्मिक मद् स्कूलों को अब तक नहीं मिलने से त्रैमासिक परीक्षा का आयोजन कैसे किया जाएगा इस पर संशय की स्थिति है।ज्ञात हो कि जिले में 19 अंग्रेजी माध्यम व 11 हिन्दी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित हो रहे हैं। प्रत्येक स्कूल को अन्य आकस्मिक मद् से प्रत्येक सत्र में 5-5 लाख रूपये कुल डेढ़ करोड़ की राशि शासन से जिले के आत्मानंद स्कूल में परीक्षा आयोजन व अन्य व्यय के लिए प्रदाय किया जाता है परन्तु वर्तमान सत्र में राशि का अता पता नहीं है जबकि इस संबंध में दो बार मांग पत्र शासन को प्रेषित किया गया है।ज्ञात हो कि प्रत्येक सत्र में आत्मानंद स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति शासन के निर्देशन में संविदा रूप से की जाती है। जिले में वर्तमान सत्र में स्वामी आत्मानंद स्कूलों में लगभग 150 पद रिक्त है जिसकी नियुक्ति के लिए शासन से कोई आदेश अब तक नहीं मिला जबकि वर्तमान सत्र में अध्यापन कार्य प्रारंभ हुए ढाई माह से अधिक हो रहे हैं पर शिक्षकों की कमी से स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होने लगी है।