
बालोद -छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश भर के रेत खदानों में चैन माउंटेन के माध्यम से नदी से रेत निकासी का मामला गूंजा और इसका असर सिर्फ बालोद जिले में छोड़कर प्रदेश भर में दिखाई देने लगा । तो क्या सिर्फ बालोद जिले में एनजीटी के नियमानुसार रेत का खनन किया जा रहा है । या फिर क्या बालोद जिला छत्तीसगढ़ के अन्य खदानों से अलग है ।
दरअसल बालोद जिला मुख्यालय से लगे हीरापुर गांव में बहते हुए तांदुला नदी से पिछले करीब 5 दिनो से नदी के भीतर से चैन माउंटेन के माध्यम रेत की निकासी की जा रही है वही नदी के भीतर बड़े बड़े हाइवा वाहनों की कतारें भी देखी जा रही है ।
पूरे मामले में स्थानीय हाइवा चालको ने नाम न छपने की शर्त पर बताए कि एक 10 पहिया हाइवा में करीब 10 घन मीटर रेत भरा जाता है जिसके।लिए रेत ठेकेदार द्वारा बिना रॉयल्टी पर्ची के 6 हजार रुपए वसूले जा रहे है वहीं रॉयल्टी पर्ची का 2000 रुपए अलग से कुलमिलाकर कहा जाए तो 10 घन मीटर रेत के लिए नियमानुसार 650 रुपए लेने का प्रावधान है लेकिन ठेकेदार 8 -8 हजार रुपए वसूल रहे है। इस खदान में रोजाना 60 से 70 ट्रके पहुंचती है इस लिहाज से 4 से 5 लाख रुपए वसूला जा रहा है।
इस मामले में जिले के खनिज विभाग के इंस्पेक्टर शशांक सोनी से बात करने पर कहा कि हीरापुर रेत घाट को लीज नियमो के आधार पर सेमी मेकेनाइज्ड रेत निकासी की अनुमति दी गई है । लेकिन ठेकेदार द्वारा किसी भी तरह अनियमितता बरत रहे है तो दिखवाता हूं।ये कथन खनिज इंस्पेक्टर का रटा हुआ जवाब कह सकते है क्योंकि इस रेत के खेल में बिना खनिज विभाग के सांठ गांठ के नियम विपरीत खनन तथा निर्धारित दर से अधिक में रेत विक्रय नही कर सकते लेकिन बालोद जिले के खनिज विभाग शुरू से ही अपने कार्यशैली को लेकर संदिग्ध नजर आई है जिले में अवैध खनन अवैध परिवहन ये सब आम बात हो चुकी है। कार्यवाही के नाम पर महीने में सड़क चलते वाहनों पर कार्यवाही कर खानापूर्ति करते नजर आते है।
सीएम के मंसूबे पर विभाग फेर रहा पानी
आपको बतादे प्रदेश में अवैध माइनिंग को लेकर विधानसभा में लगातार सवाल गूंजने के बाद सीएम साय ने सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी किए है जिसके बाद समूचे प्रदेश के रेत खदानों में कार्यवाही कें चलते अवैध खनन तथा नदियों में मशीनों से रेत खनन बंद होने की स्थिति में पहुंच चुकी है। लेकिन बालोद जिले में ऐसा कुछ नजर नही आ रहा है। नदी के भीतर चैन माउंटेन से रेत खनन कर सीएम के आदेश को चुनौती देते नजर आ रहे है। बहरहाल देखना होगा विभागीय अधिकारी और रेत ठेकेदार की सांठगांठ कब तक चलता रहेगा।