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खबर का असर :- बालोद के क्यूसी मैनेजर को भेजा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के 40 से अधिक एफसीआई अधिकारी कर्मचारी हुए इधर से उधर,धमतरी के क्वालिटी कंट्रोलर केके साहू सहित 1 और निलंबित

बालोद छत्तीसगढ़ में एफसीआई के अधिकारी कर्मचारियों पर लगे 150 करोड़ से अधिक वसूली मामले में भारतीय खाद्य निगम के एजीएम एमके रविकुमार ने बालोद के क्वॉलिटी मैनेजर स्वास्तिक सान्याल सहित छत्तीसगढ़ के 50 क्वालिटी मैनेजरों का तबादला महाराष्ट्र और गुजरात कर दिया है। तो वही धमतरी के क्वालिटी कंट्रोलर केके साहू सहित कुरूद के अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया है। इस कार्यवाही से छत्तीसगढ़ के एफसीआई अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। बालोद के क्वॉलिटी मैनेजर के तबादले के बाद अब डिपो मैनेजर भी सकते में है। अब तब कार्यवाही के होने आसार इनपर पर नज़र आ रहे है। दरअसल छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिल एसोसिशन के कोषाध्यक्ष रौशन चन्द्राकर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को 3 पन्ने की शिकायत बकायदा शपथ पत्र के साथ मेल की थी। शिकायत पत्र में प्रदेश के एफसीआई अफसरों पर राइस मिलरों से लाट्स एक्सेप्ट करने के एवज में 150 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए जांच कर कार्यवाही की मांग की थी। रौशन चन्द्राकर ने शपथ पत्र के साथ तमाम तथ्य व जानकारी भी उपलब्ध करवाई थी। जिसके बाद कुछ दिन पूर्व केंद्र की टीम रायपुर पहुच शिक़ायत कर्ता रौशन चन्द्राकर का बयान दर्ज की थी। जिसके बाद ही प्रदेश के एफसीआई के 50 अधिकारी कर्मचारियों का तबादला किया गया है, वही 2 को निलंबित। कार्यवाही से भ्रष्टाचार में लिप्त एफसीआई के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया है।

एफआईआर दर्ज कर की जाए कड़ी से कड़ी कार्यवाही-
उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में मची भर्राशाही को लेकर बालोद समेत पूरे प्रदेशभर में राइस मिलरों की परेशानी बढ़ गई हैं। कस्टम मिलिंग के काम में सेम्पल पासिंग के नाम पर जमकर अनियमितता बरती गई है। इमसें लाखों रुपए की अवैध उगाही की गई। राईस मिलरों की बढ़ती शिकायतों के बाद राईस मिल एसोसिएशन को आगे आना पड़ा। करोड़ों रुपए की उगाही के मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर ने 3 पेज का शिकायत केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से की हैं। रौशन चन्द्राकर ने इसके साथ बाकायदा सौ रुपए के स्टाम्प पेपर में शपथ पत्र भी दिया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा है कि सत्य व निष्ठा से देशहित व एफसीआई की कार्यप्रणाली को पूर्ण पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त कराने के लिए उपरोक्त कथन किया हैं। और अगर जानकारी/तथ्य गलत पाए जाते हैं तो मैं परिणाम/दंड भुगतने का अधिकारी होउंगा। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को भेजे ई-मेल शिकायत में एफसीआई में वर्षों से जारी इस अधिकारियों के गिरोह के सदस्यों के विरूद्ध केन्द्रीय एजेंसी को निर्देश कर इन पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इसके बाद से पूरे प्रदेशभर में एफसीआई का सिस्टम हिल गया है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए भारतीय खाद्य निगम ने धमतरी एफसीआई कार्यालय में पदस्थ क्वालिटी कंट्रोलर केके साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वही निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय एफसीआई आदिपुर होगा। साथ ही रायपुर के एक अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया। इसके अलावा पूरे प्रदेशभर में 50 अधिकारी-कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया, जिससे एफसीआई में हड़कंप मच गया है।

90 से ज्यादा राईस मिलर्स कर रहे कस्टम मिलिंग-
बालोद जिले के कुछ राइस मिलरों ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि बालोद जिले में 90 से ज्यादा राइस मिलर्स कस्टम मिलिंग का काम कर रहे हैं। इस साल पहली बार मानपुर जिले से भी उठाव कर मिलिंग किया गया। क्योकि मानपुर मोहला नया जिला बना है, और वहां एक भी राईस मिल नही हैं। आपको बता दे कि 290 क्विंटल का एक लॉट होता है। प्रति लॉट जो 7 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेने की शिकायत सामने आई है, वो कुछ इस प्रकार से है। प्रति लॉट के हिसाब से 1 हजार 500 रुपये क्वालिटी मैनेजर, 1 हजार 500 रुपये क्वॉलिटी इंस्पेक्टर, 1 हजार 500 रुपये एजीएम, 400 रुपये डिपो मैनेजर, बाकी पैसे ऊपर की ओर जाते है। यह वसूली का खेल करोड़ो में हैं।

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