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डैम के अंदर से की जा रही मुरूम खुदाई, पर्यावरण मंडल के अनुमति के बिना ही खनिज विभाग ने दी खुदाई की अनुमति…

बालोद-जल संरक्षण एवं सिंचाई के लिए बनाए गए धींना के बांध को मुरुम के लिए बेतरतीब तरीके से खोदा जा रहा है। रायपुर के ठेकेदार द्वारा दो दो चैन माउंटेन से पानी के भीतर से मुरुम का उत्खन कर परिवहन किया जा रहा। सड़क व नहर लाइन का कार्य करने वाली ठेका कंपनियां बांध को मशीनों से खोद रही है। इससे बांध की उपयोगिता प्रभावित होने की स्थिति है। साथ ही आने वाले दिनों में बांधों में टेल एरिया में अधिक जलभराव होने की स्थिति बन रही है।

पर्यावरण मंडल देता है डेम की खुदाई के लिए अनुमति

 

जानकारी के अनुसार डेम की खुदाई के लिए अनुमति देने का अधिकार न जलसंसाधन विभाग के पास है ना खनिज विभाग के पास। ठेका कंपनी को पर्यावरण मंडल से अनुमति लेनी थी, जो नहीं ली गई। ठेकेदार द्वारा पानी के भीतर चैन माउंटेन लगाकर मुरुम का उत्खनन किया जा रहा हैं। इस पर जिला खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू कहती हैं कि ठेका कंपनी ने अनुमति खनिज विभाग से ली है। वही सिचाई विभाग के अधिकारी द्वारा उक्त मामले पर जानकारी नही होने के साथ डिवीजन ऑफिस से अनुमति लेने की बाते कहि जा रही हैं। अब तक विभाग ने मौके पर जाकर स्थिति का आकलन नहीं किया है।


चैन माउंटेन मशीन से कर रहे धींना डेम की खुदाई

रायपुर के ठेकेदार द्वारा रोड निर्माण के लिए धींना डेम के एक छोर की धड़ल्ले से खुदाई की जा रही है। इसके लिए चैन माउंटेन व अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। बांध में मुरुम की खुदाई केनाल के लिए हो रही थी। अब दूसरे कामों के लिए भी मुरुम को बेचा जा रहा है। खनिज विभाग के अनुसार ठेका कंपनी को 6 से 7 घनमीटर इसके बाद 5 हजार घनमीटर मुरुम खनन की अनुमति दी गई हैं। विभाग के जिम्मेदार तय शर्तों के विपरीत हो रही खुदाई को झांक भी नहीं रहे हैं। अंधाधुंध खनन के कारण डेम अधिक गहरा हो चुका है। इससे डेम के मूल स्वरूप को भी नुकसान पहुंचेगा।

बांध को खतरनाक ढंग से खोद रहे

कम बारिश होने के कारण धींना बांध का पानी कम हो गया हैं इसका फायदा उठा कर सड़क निर्माण की ठेका कंपनी मशीनों से इसकी खुदाई कर रही है। यह सब सांठगांठ से किया जा रहा है। मामले के जानकार ने बताया बांध को खतरनाक ढंग से खोदा जा रहा है। जलभराव होने पर वह जानलेवा हो सकता है।

             जानिए, क्या कहते हैं अधिकारी

बालोद के जिला खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू ने कहा कि अनुमति लेकर खनन किया जा रहा है। पहले 6 से 7 हजार धनमिटर उसके बाद फिर 5 घनमीटर की अनुमति दी गई हैं। केनाल बनाया जा रहा हैं इसके लिए अनुमति दी गई हैं। जल संसाधन विभाग के एसडीओ कौशल वर्मा ने कहा कि मेरे जानकारी में नही हैं डिविजन ऑफिस दिए होंगे।

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