बालोद- अगले कुछ दिनों में साल का सबसे बड़ा पर्व दीपावली को लेकर बाजार सजने लगा है वही इस पर्व को लेकर फटाखा की दुकानें भी लगने को तैयार है।लेकिन दुकान लगने के पहले दुकानदारों के लिए जीएसटी विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। पूरे मामले में दुर्ग रेंज के सहायक आयुक्त जीएसटी विभाग ने बालोद जिला प्रशासन और बालोद नगर पालिका को पत्र जारी कर सभी अस्थायी फटाखा दुकान संचालकों को अस्थायी फटाखा दुकान लगाने के पूर्व जीएसटी प्रमाण पत्र का मांग किया गया है मामले को लेकर विभाग ने 17 अक्टूबर को ही संबंधित विभागों को पत्र जारी कर दिया है लेकिन मामले को लेकर जिले के जिम्मेदार विभाग द्वारा किसी भी फटाखा व्यवसायी को इस संदर्भ में पत्र जारी नही किया यही नही जीएसटी विभाग द्वारा जारी निर्देश का खुलेआम उलंघन कर शहर कई जगहों पर फटाखा की बिक्री भी की जा रही है
पूरे मामले में विभागीय सूत्रों की माने तो अस्थायी फटाखा दुकान संचालकों द्वारा छग माल एवं सेवा कर (GST) अधिनियम की धारा 24 (1) (2) के तहत ऐसे संस्थाओं द्वारा पंजीयन नहीं लिया जा रहा है, जिससे छ०ग० शासन को मिलने वाले राजस्व की क्षति हो रही है। जबकि बालोद जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रांतर्गत अनेक स्थानों पर दीपावली पर्व के पूर्व फटाखों के विक्रय हेतु स्टॉल लगाए जाते हैं। जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी दुकान लगाने की अनुमति प्रदान करने के पूर्व केन्द्रीय / छ०ग० माल एवं सेवा कर अधिनियम के तहत (GST) पंजीयन प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य है
थोक विक्रेताओं की भी दुकानें जांच के दायरे में
आपको बतादे बालोद जिले के बालोद गुंडरदेही, दल्लीराजहरा, गुरुर,डौंडीलोहारा, अर्जुन्दा मुख्यालय सहित कुछ ग्रामीण इलाकों में भी फटाका का थोक कारोबार किया जाता है लेकिन जानकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर व्यवसायियों द्वारा फटाखा के नाम पर किसी भी तरह का जीएसटी नम्बर नही लिया गया है जबकि सूत्रों कि माने तो हर साल जिले में करीब 50 से 60 लाख से भी ज्यादा का फटाखा बेचा जाता है जिस लिहाज से शासन को हर साल औसतन 8 से 10 लाख का नुकसान होता है जिसके चलते इस बार जीएसटी विभाग भी सख्ती के मूड में दिखाई दे रहा है ।
जीएसटी विभाग करेगी दुकानों की जांच
पूरे मामले में बालोद जिले में फटाखे के लाखों रुपये के व्यापार के बाद भी किसी भी तरह को गुड्स & सर्विस टैक्स भरा नही जाता जिसके चलते इस बार जीएसटी विभाग सख्त कार्यवाही के मूड में नजर आ रहे है वही जिले में जिम्मेदार विभागों द्वारा भी विभागीय पत्र को नजरअंदाज किये जाने के चलते विभाग के अधिकारियों की टीम जिले के दुकानों व विभागों में दबिश दे सकते है ।