बालोद-बालोद जिला मुख्यालय अवैध कब्जा कोई नई बात नही है कही कोई गरीब अवैध कब्जा कर आशियाना बना लेता है तो कई जगहों पर अवैध कब्जों में दुकान संचालित होते आम तौर पर देखा जा सकता है लेकिन क्या किसी सरकारी जमीन पर कब्जा कर एटीएम का संचालन किया जा सकता है शायद आप भी कहेंगे ये संभव नही है
क्योंकि एटीएम मतलब ऑटोमेटिक (स्वचालित) टेलर मशीन है। यह एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है जिसका उपयोग बैंक खातों से पैसे निकलने या लेनदेन करने के लिए किया जाता है। जैसे, पैसों को निकलना, उन्हें जमा करना, Fund transfer आदि। यह बैंकिंग की प्रक्रिया के लिए की जाती है जो ज्यादातर बैंकों या कुछ प्रतिष्ठित निजी कंपनियों द्वारा किया जाता है
बालोद बस स्टैंड पर भी एक निजी कंपनी का एटीएम मशीन स्थापित किया जा रहा है जो कि बालोद बस स्टैंड के ही व्यावसायिक परिसर के कारीडोर में किया जा रहा है जो कि पूरी तरह से अवैध है क्योंकि व्यवसायिक परिसर के सामने नगर पालिका द्वारा आमलोगों के आवाजाही के लिए चौड़ी गली छोड़ा गया था जो कि नगर पालिका की ही संपत्ति है लेकिन दुकान के संचालक द्वारा दुकान के सामने हिस्से को एक निजी एटीएम कंपनी को किराए पर दे दिया गया और नगर पालिका की स्वामित्व वाली जगह पर कंपनी ने अपना काम भी प्रारंभ कर दिया है जिसे देखकर ये अनुमान लगाया कि महज कुछ ही दिनों में इस जगह पर एटीएम का संचालन प्रारंभ हो जाएगा
इस पूरे मामले पर जब बालोद नगर पालिका अध्यक्ष व नगर पालिका सीएमओ से पूछा गया तो उनके द्वारा भी इस निर्माण को गलत करार दिया गया वही मामले पर पालिकाध्यक्ष ने जल्द ही सम्बंधित दुकान संचालक को नोटिस जारी करने की बात कहा गया है
आपको बतादे पिछले कुछ दिनों से उक्त दुकान का उपयोग एक अनाज व्यपारी द्वारा गोदाम के रूप में।किया जा रहा था वही सूत्रों की माने तो दुकान संचालक द्वारा दुकान का किराया अनाज व्यापारी से लिया जा रहा है वही नगर पालिका के द्वारा छोड़ी गई गली का अलग किराया एटीएम कंपनी से वसूलने की तैयारी की जा रही है मतलब नगर पालिका की संपत्ति पर भी दुकान संचालक अलग से किराया वसूलने की तैयारी कर रही है
क्या कहता है व्यवसायिक परिसर अधिनियम
आपको बतादे नगर पालिका द्वारा शासन के नियमानुसार स्थानीय लोगो को रोजगार देने के उद्देश्य व्यवसायिक परिसर का निर्माण कर तकरीबन 30 वर्षो के लीज पर दी जाती है जिसके अग्रीमेंट के अनुसार दुकान संचालक अपनी दुकान को किसी को किराए पर भी नही दे सकता लेकिन दुकान संचालक द्वारा न केवल पालिका के नियमो का उलंघन किया गया बल्कि सरकारी जमीन को ही गलत तरीके से निजी कंपनी को किराए पर दे दिया जो कि कानूनी तौर पर भी यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है बहरहाल देखना होगा पूरे मामले में नगर पालिका द्वारा दुकान संचालक के खिलाफ आगे क्या कार्यवाही करती है